वांद्रे - सोमवार को म्हाडा कार्यालय के सामने म्हाडा के रहिवासी आमरण अनशन पर बैठ गए। शिवसेना के विधायक मंगेश कुडालकर भी स्थानीय लोगों की इस भूख हड़ताल में शामिल हैं। दरअसल म्हाडा कॉलोनी में 50 से 60 वर्ष पुरानी इमारतों की स्थिति दयनीय है। जिसमें लोग अपनी जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हैं। 6 दिसंबर 2008 को तत्कालीन सरकार ने इन इमारतों के पुनर्विकास को लेकर अधिसूचना निकाली थी लेकिन सितंबर 2010 में इसे खत्म कर दिया गया। जिससे इन इमारतों के पुनर्विकास का इंतजार और लंबा हो गया है। म्हाडा के रहिवासी पिछले छह वर्षों से पुनर्विकास के लिए डीसीआर 33(5) की अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए स्थानीय लोगों ने क्षेत्र के विधायक से लेकर सीएम तक से पत्र व्यवहार किया, यहां तक कि म्हाडा कार्यालय के आजाद मैदान में आंदोलन करने के बावजूद भी किसी तरह का हल नहीं निकला।
अब फिर से म्हाडावासी सड़क पर उतर आए हैं और म्हाडा कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। शिवसेना विधायक मंगेश कुडालकर ने कहा कि जबतक कि उनकी मांगे पूरी नहीं होती वे आमरण अनशन पर ही बैठे रहेंगे।