शहर के एकमात्र अंडर ग्राउंड मेट्रो कॉरिडोर मेट्रो -3 (कोलाबा-बांद्रा-एसईईपीजेड) पर काम कुछ समय से चल रहा है। और MMRCL अब कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज़ मट्रो परियोजना के लिए अंडर-रिवर टनलिंग की तैयारी में लग गई है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार भारत की पहली पूरी तरह से भूमिगत मेट्रो रेल लाइन पर काम जारी है, धारावी और बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्टेशनों के बीच एक बड़े भारत की दूसरी अंडर-रिवर टनलिंग पर भी तैयारियां जोरों पर है।
बीकेसी मेट्रो स्टेशन के अलावा और एक 170
मीटर की सुरंग का निर्माण मिठि नदी के ठीक नीचे किया जाएगा। MMRCL
के निदेशक (परियोजना)
एसके गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "जब एक जल निकाय के नीचे सुरंग बनाई जाती है,
तो आपको देखना होता है की जमीन किस तरह की है उसमे क्या हलचल होते है, उसे समझने के लिए उसे किस हद तक सपोर्ट की आवश्यकता है,
क्षेत्र में तीन सुरंगें होंगी,
सुरंग खोदने वाली मशीनों (टीबीएम)
का उपयोग करके दो सुरंगें खोदी जाएंगी,
जबकि नदी के नीचे 150
मीटर लंबी सुरंग,
न्यू ऑस्ट्रियन टेक्नोलॉजी विधि
(NATM)
का उपयोग करके खोदी जाएगी।
BKC
स्टेशन पर न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM)
द्वारा सुरंगों का 153-मीटर सेक्शन बनाया जाना है। पिछले कुछ हफ्तों में घोड़े की नाल के आकार की सुरंगों पर काम काफी स्लो तरिके से शुरु हुआ है। MMRCL
भी धीरे-धीरे हर हफ्ते केवल कुछ मीटर आगे बढ़ रही है,
और मिठी नदी के तहत सुरंग बनाने का काम अक्टूबर में ही जारी रहने की उम्मीद है।
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