अगर मुंबई में एक झुग्गी में आग लग जाती है, तो बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) को संबंधित झुग्गी मालिक को 50,000 रुपये का भुगतान करना होगा। अब तक राज्य सरकार ऐसे झुग्गीवासियों को मुख्यमंत्री कोष से सहायता प्रदान कर रही थी। (Mumbai BMC forced to pay INR 50000 to each hut owner in case of fire in slums)
राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है कि नगर निकाय भी संबंधित झोपड़ी मालिक को अधिकतम 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करे। हालांकि इस बारे में कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन BMC के अधिकारी निजी तौर पर अपना विरोध जता रहे हैं।
13 मार्च को मलाड ईस्ट के कुरार गांव के अप्पापाड़ा में आग लग गई, जिसमें 1,041 झोपड़ियां जलकर खाक हो गईं। ये झोपड़ियां वन भूमि पर हैं। 1 नवंबर, 2022 से लागू केंद्र सरकार के संशोधित राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष मानदंड के अनुसार इस झोपड़ी मालिक को राज्य आपदा कोष से 8,000 रुपये प्रति झोपड़ी की राशि स्वीकृत की गई थी।
राज्य सरकार ने अब इस सहायता राशि के वितरण की जिम्मेदारी बीएमसी को सौंपी है। इसके अलावा प्रत्येक झोपड़ी मालिक को मुख्यमंत्री कोष से 10 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई। हालांकि, प्रत्येक झोपड़ी के पुनर्निर्माण की लागत या अधिकतम 50,000 प्रति झोपड़ी का भुगतान नगर निगम द्वारा आपदा प्रबंधन कोष से किया जाना चाहिए।
आपदा प्रबंधन, राहत एवं पुनर्वास विभाग ने इस संबंध में नगर आयुक्त से समन्वय स्थापित करने का आदेश जारी किया है। अभी तक झोपड़ी में आग लगने पर राज्य सरकार द्वारा सहायता प्रदान करने की प्रथा थी।
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