स्थानिय नागरीक और सामाजिक कार्यकर्ताओ ने रविवार को कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के विरोध में प्रदर्शन किया। विरोध करनेवालों का कहना है की इस प्रोजेक्ट के कारण समुद्र तट और मछुआरों के जलग्रहण क्षेत्रों को नुकसान होगा। ब्रीच कैंडी में टाटा गार्डन के पास इस विरोध प्रदर्शन का आय़ोजन किया गया। जहां से प्रियदर्शनी पार्क तक एक शांतिपूर्ण मार्च की योजना बनाई गई थी। हालांकि, बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से मार्च को रद्द कर दिया गया।
लगभग 80 नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। एक कार्यकर्ता अमृता भट्टाचार्य ने कहा कि इन दोनों स्थलों पर काम पूरे जोरों से शुरू हो गया है और यहाँ ज़मीनों के बड़े-बड़े पार्सल पुनर्निर्मित किए जा रहे हैं। कार्यकर्ता का कहना है की इस कार्य के कारण पानी दूसरी ओर चला जाता है, जिससे बाढ आने का भी खतरा हो सकता है। हालांकी पुलिस का कहना है की विरोध प्रदर्शन की अनुमति की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन नागरिकों ने कहा कि उन्होंने पहले से इसकी मांग की थी। नागरीको का कहना है की यह एक शांत विरोध प्रदर्शन था ,लेकिन पुलिस ने विरोध करनेवालो को वहां से भगा दिया।
लगभग 10,000 नागरिकों ने पिछले महीने इस परियोजना के पुनर्विचार के खिलाफ एक ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर किए थे। इस बीच, मछुआरा समुदाय ने हाल ही में जलग्रहण क्षेत्रों पर परियोजना के प्रभाव पर अपनी चिंताओ को भी प्रशासन के सामने रखा है।
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