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मुंबई के स्कायवॉक, उपयोगी हैं या अनुपयोगी?

भले ही स्कायवॉक की उपयोगिता पर कई तरह के सवाल उठ रह हो लेकिन बीएमसी अभी भी नए स्कायवॉक बनाने जा रही रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार बीएमसी उपनगर में तीन स्कायवॉक तैयार करेगी, इसमें सांताक्रुज, कांदिवली और बोरीवली के इलाके शामिल हैं।

मुंबई के स्कायवॉक, उपयोगी हैं या अनुपयोगी?
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मुंबई जैसे शहर में रेलवे स्टेशनों पर दिनों दिन बढ़ती हुई भीड़ को कंट्रोल में करने के लिए स्कायवॉक प्रोजेक्ट को लांच किया गया। स्कायवॉक को बीएमसी और रेलवे ने मिल कर बनाया है। स्कायवॉक बनाने के पीछे यह सोच थी कि भीड़ ऊपर ऊपर से बाहर निकल जाएगी और सड़कों पर भीड़ कम होगी जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति से निजात मिलेगी। बताया जाता है कि इस समय मुंबई में  कुल 36 स्कायवॉक हैं, जिस पर से हर दिन लगभग साढ़े 5 लाख से अधिक यक्ति आते-जाते हैं। मुंबई में सबसे पहली स्कायवॉक बांद्र पूर्व में स्टेशन से लेकर कला नगर तक बनी थी, जिसका उद्घाटन 24 जून 2008 को हुआ था।

स्कायवॉक पर असामाजिक तत्वों का कब्जा
मुंबई का सबसे पहला स्कायवॉक दस साल पहले वर्ष 2008 में बना था। उस समय कांग्रेस की सरकार थी। स्कायवॉक बनाने का मकसद रेलवे स्टेशनों के आसपास भीड़-भाड़ वाले इलाके में लोगों को आवागमन आसान बनाना था, लेकिन इसे बनाने के दौरान अनेक तकनीकी खामी सामने आई, जैसे ऐस्केलेटर या लिफ्ट न लगाए जाने और सही जगह का चयन न होने से ज्यादातर स्कायवॉक अनुपयोगी ही साबित हुए हैं या उस पर से आने जाने वालों की संख्या काफी कम है। साथ ही तमाम स्कायवॉक पर असामाजिक तत्वों का कब्जा हो गया। कई लोग इसे अपने रहने का अड्डा बना चुके हैं तो कई जगह यह नशेड़ियों का भी अड्डा बन चुका है। यही नहीं कई स्कायवॉक की लाइटें खराबा होने के कारण अंधेरा रहता है जिससे वहां से महिलाएं आने जाने से डरती हैं।

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24 स्कायवॉक हो चुके हैं  जर्जर
एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के 24 स्कायवॉक्स की हालत इस समय काफी जर्जर हो चुकी है। इनमें से कई का उपयोग भी लोग कम ही करते हैं। पिछले साल जब  सीएसटी हादसा हुआ था तब मुंबई के सारे स्कायवॉक के ऑडिट करने का निर्णय लिया गया था। खतरनाक हो चुके स्कायवॉक को बंद किया गया साथ ही कई की मरम्मत भी की गयीं। कुछ साल पहले दहिसर स्थित स्कायवॉक का निचला वाला हिस्सा गिरने से कुछ लोग घायल हो गये थे, साथ ही अन्य स्कायवॉक के भी जर्जर होने की खबरें आ चुकीं हैं।

स्कायवॉक की उपयोगिता को बढ़ाएगी बीएमसी 
स्कायवॉक पर उठते सवालों को देखते हुए अब बीएमसी इन स्कायवॉक की उपयोगिता को और अधिक बढ़ाने का निर्णय लिया है, ताकि उठ रहे सवालों पर विराम लगाया जा सके। बीएमसी के अनुसार स्कायवॉक पर लोगों को चढ़ने के लिए लिफ्ट लगाई जाएगी। बीएमसी के एक अधिकारी के मुताबिक हमने पहले एस्केलेटर लगाने की ही बात की थी, लेकिन ऐस्केलेटर की तुलना में लिफ्ट का रख-रखाव कम खर्चीला होने के नाते लिफ्ट लगाने का ही निर्णय लिया गया।

अभी और बनेंगे स्कायवॉक
भले ही स्कायवॉक की उपयोगिता पर कई तरह के सवाल उठ रह हो लेकिन बीएमसी अभी भी नए स्कायवॉक बनाने जा रही रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार बीएमसी उपनगर में तीन स्कायवॉक तैयार करेगी, इसमें सांताक्रुज, कांदिवली और बोरीवली के इलाके शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार बीएमसी सांताक्रुज (ईस्ट) के मौजूदा स्कायवॉक को हाइवे से करीब 1 किलोमीटर और आगे बढ़ाकर वकोला मार्केट तक ले जाएगी। इसके अलावा, कांदिवली (वेस्ट) से शताब्दी अस्पताल की ओर एक स्कायवॉक बनाया जाएगा। एक स्कायवॉक बोरीवली (ईस्ट) से नैशनल पार्क तक बनाया जाएगा। स्कायवॉक बनाने का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। हालांकि, इनकी उपयोगिता अब भी सवालों के घेरे में है।

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