पिछले 20 वर्षाें से अटके पड़े बीडीडी चाल के पुनर्विकास का प्रश्न भले ही म्हाडा ने सुलझा लिया हो, लेकिन म्हाडा खुद की कॉलोनियों के पुनर्विकास पर ध्यान नहीं दे पा रही है। पुनर्विकास प्रकल्प में अनदेखी को लेकर मोतीलाल नगर में रहिवासियों ने म्हाडा पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए नाराजगी व्यक्त किया है। 127 एकड में बसे मोतीलाल नगर के पुनर्विकास में म्हाडा को करीब 22 हजार अतिरिक्त घर मिलने वाले हैं। इसे म्हाडा कॉलोनी का सबसे बड़ा पुनर्विकास माना जा रहा है, लेकिन इस बड़े पुनर्विकास प्रोजेक्ट की म्हाडा द्वारा अनदेखी के चलते अभी यह प्रकल्प अटका पड़ा है।
गोरेगांव में 127 एकड़ जगह पर मोतीलालनगर 1, 2 और 3 स्थित हैं। इस म्हाडा कॉलोनी में करीब 3,700 रहिवासी रहते हैं। यहां तक कि एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय म्हाडा कॉलोनी के पुनर्विकास कराने का आदेश 2013 में दिया था। चार वर्ष बीतने के बाद भी कार्य में कोई प्रगति नहीं आई है।