सद्गुरू कहते हैं कि विरोध का अर्थ चिल्लाना या शोर मचाना नहीं है, विरोध का अर्थ है अपने विरोधियों और उनके विचारों का पूर्ण सम्मान करते हुए अपनी विरोधी, अनूठी और विपरित विचारधारा को विनम्रता, पूरी शक्ति और हौसले के साथ लोगों के सामने रखना है। यदि आपने अपने विरोधियों को शत्रु समझने की भूल की तो आप आसमान नहीं छू सकते।
दूसरी बात यदि जन्मकुंडली में केतु खराब हो तो 43 मंगलवार को काले और सफेद कंबल का दान गरीब व्यक्तियों को करें इससे बहुत लाभ होगा।