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एक ग्लास पी डाला, तो लाइफ से हाथ धो डाला !


एक ग्लास पी डाला, तो लाइफ से हाथ धो डाला !
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मुंबई में गर्मी अपना कहर बरपा रही है, दोपहर के समय मुंबई की गलियों में जगह जगह जूस के ठेले लगे मिलते हैं। हमारा गला जैसे ही सूखता है, हम बिना देरी किए बर्फ वाला एक या दो ग्लास जूस गटक जाते हैं। यह जूस महज 10 रुपए में ही ज्यादातर जगहों में मिल जाता है। पर क्या आपको पता है कि यह सस्ता जूस आपको बड़ी बीमारियों की ओर भी खींच सकता है ? यह जूस आपको हेपेटाइटिस, डायरिया के अलावा पेट से संबंधित कई तरह की बीमारियां दे सकता है। अगर आप अब तक इससे अंजान थे तो आज जान लीजिए कि गन्ने का जूस आपको किस तरह से बीमार बना सकता है और इन बीमारियों से कैसे बचा जा सकता है।


बर्फ कहने को ठंडी

आपने कुछ लोगों को कहते सुना होगा कि भइया बिना बर्फ वाला जूस देना। आपको लगा होगा इतनी गर्मी में बिना बर्फ वाला जूस कौन पीता है। पर आपको पता नहीं है कि वह व्यक्ति बर्फ से अच्छी तरह से वाकिफ है कि, बर्फ की तासीर गरम होती है और उससे भी खतरनाक यह कि बर्फ ज्यादातर गंदे पानी से बनाई जाती है।

बीएमसी के कार्याकारी आरोग्य अधिकारी पद्मजा केसकर का कहना है कि गंदे पानी से बनी बर्फ में इकोलाय नामक जीवाणु पाया जाता है इसकी वजह से पेट से संबंधित बीमारियां जैसे डायरिया, कॉलरा, गैस्ट्रो, जुलाब, पीलिया आदि हो सकती हैं। इसलिए अगर सड़क के किनारे गन्ने का जूस पी रहे हैं तो बिना बर्फ वाला जूस ही मांगे।


काली फफूंद वाला गन्ना

काली फफूंद लगे गन्ने को जहर का दूसरा रूप कहें तो कुछ गलत नहीं होगा। जिस गन्ने में काली फफूंद बैठ जाती है या मिट्टी लगी होती है उसका जूस लाल रंग का हो जाता है। इसे पीना बीमारियों को दावत देना जैसे है। इसके पीने से ज्वाइंडिस, हेपेटाइटिस, टायफायड, डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए इस तरह के जूस को पहली नजर में ही ना कहें।


नींबू और गंदा पुदीना मतलब बीमारियां

ज्यादातर जूस की दुकानों में बासी नींबू और गंदे मिट्टी लगे पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है, साथ ही नींबू का बीज के साथ जूस में इस्तेमाल किया जाता है। जिसका स्वाद कड़वा होता है, जो पेट से संबंधित डायरिया जैसी बीमारियों को जन्म देता है। इसलिए आप जहां पर जूस पिएं तो जूस वाले को ताजा नींबू और बीज को हटाकर इस्तेमाल के लिए कहें। साथ ही पुदीना को धुलकर इस्तेमाल करने के लिए कहें।


गन्ना जूस और मक्खियों की भिनभिनाहट

गन्ना जूस की दुकान को देख जिस तरह से आप भागे चले आते हैं, उसी तरह मक्खियां भी आपसे पीछे नहीं हैं। कहना चाहिए कि वे आपसे काफी आगे हैं, मशीन में गन्ना लगते ही इनकी भिन्नाहट शुरु हो जाती है। गंदगी पर बैठकर अपने साथ रोगाणु लेकर आने वाली मक्खी बिना किसी भेदभाव के खाद्य पदार्थों को भी दूषित करती है। मक्खियों से टायफॉयड फीवर, टीबी, एंथ्रेक्स, लैप्रोसी, कॉलरा, डायरिया और डीसेंट्री जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए ऐसी जूस की दुकान में कदम भी ना बढ़ाएं जहां इनका निवास हो।


जूस वाले भइया जरा हाथ धुल लो

जूस निकालने वाले उसी हाथ से गन्ने को मशीन में लगाते हैं, मशीन को घुमाते हैं, नीबू काटकर लगाते हैं, उन्ही हाथ से जूस को नीचे सरकाते हैं फिर उनकी उंगलियां जूस भरे गिलास में लहकोरे भी लेती हैं। अब तो आप जरूर कहेंगे जूस वाले भइया जरा हाथ और मशीन धुल लो।


ऑयल और जंग मिक्स जूस

मुंबई में जंग लगी मशीने तो कम ही मिलेंगी पर इनका ऑयल (ग्रीस) निकलते जरूर देखा जा सकता है। मशीन का ऑयल अगर गन्ने के जूस में मिक्स हो जाए तो पेट से संबंधित तमाम बीमारियों को जन्म दे सकता है। इसलिए जूस पीने से पहले मशीन पर एक नजर जरूर मार ले।

गर्मी है प्यास लगेगी, ठंडा पीने का मन भी करेगा, पर इस कीमत पर। कहते हैं स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। तो आप अपने स्वास्थ्य का खयाल जरूर रखें तभी हर काम को आसानी से कर पाएंगे।

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