मुंबई पुलिस ने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान 70 एफआईआर दर्ज कीं, जिनमें से केवल आठ मामलों में, जिन्हें गिरफ्तार किया गया, उन्हें दोषी ठहराया गया है। जबकि ज्यादातर मामलों में, या तो मुकदमे पांच साल बाद भी चल रहे हैं, कुछ मामलों में, आरोपित को बरी कर दिया गया या मामला बंद कर दिया गया।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक एक मामले में, जांच अभी भी चल रही है। पुलिस के अनुसार, अधिकांश आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित हैं और ऐसे मामलों में सबूत इकट्ठा करना मुश्किल है। 70 में से 56 मामले मुंबई उपनगर में दर्ज किये गे थे जबकी बाकी के मामले मुंबई शहर में दर्ज किये गए। आंकड़ों से पता चलता है कि 36 मामले ट्रायल स्टेज पर हैं, 12 एफआईआर में, पुलिस ने बाद में एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की और 13 मामले बरी हुए।
एक मामले की अभी भी जांच चल रही है और आठ मामलों में अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया है। इसके अलावा, 2014 के चुनावों के दौरान हिंसा की चार घटनाएं हुई थीं, जिसमें दो व्यक्ति घायल हुए थे।इसके अलावा, 2014 के चुनावों के दौरान, एक फेसबुक पोस्ट के लिए एक मनसे पदाधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जहां उन्होंने महाराष्ट्र के एक प्रमुख नेता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।
हालांकी पिछलें बार के लोकसभा चुनाव से सबक सिखते हुए पुलिस ने शहर भर में 5,000 सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क लगाया है और चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाला कोई भी व्यक्ति संदेह के घेरे में होगा।
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