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ओवैसी, BJP की गुप्त शाखा, कह कर शिवसेना ने मनसे-बीजेपी गठजोड़ का लगाया आरोप

सामना के संपादकीय में कहा गया है कि, ओवैसी (asaduddin owaisi) की पार्टी MIM, बीजेपी की गुप्त शाखा है। ओवैसी, बीजेपी के विजय रथ का मुख्य पहिया बने हुए हैं।

ओवैसी, BJP की गुप्त शाखा, कह कर शिवसेना ने मनसे-बीजेपी गठजोड़ का लगाया आरोप
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शिवसेना (Shivsena) ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) के जरिए बीजेपी (BJP) को घेरने की कोशिश की है। सामना के संपादकीय में BJP नेेता साक्षी महाराज (sakshi maharaj) के एक बयान के आधार पर BJP और AIMIM के गठजोड़ की बात कही है। सामना के संपादकीय में कहा गया है कि, ओवैसी (asaduddin owaisi) की पार्टी MIM, बीजेपी की गुप्त शाखा है। ओवैसी, बीजेपी के विजय रथ का मुख्य पहिया बने हुए हैं। हिंदुत्व विरोधी ओवैसी की शक्ति का उपयोग करते हैं। ओवैसी मियां की ‘एमआईएम’ मुसलमानों की तारणहार नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी का अंगवस्त्र है।

सामना लिखता है कि, भाजपा के प्रमुख नेता साक्षी महाराज ने डंके की चोट पर कहा है कि, मियां ओवैसी भाजपा के ही पॉलिटिकल एजेंट हैं और ओवैसी की सहायता से ही हम चुनाव जीतते रहते हैं। ओवैसी मदद कर रहे थे इसलिए हम बिहार का चुनाव जीत गए। अब ओवैसी साहब पश्चिम बंगाल (west bengal) और उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) में हमारी सहायता करेंगे। ओवैसी भाजपा की सहायता कर रहे हैं, यह भगवान की कृपा है। परवरदिगार भगवान ओवैसी को और शक्तिशाली बनाओ!’ साक्षी महाराज ने भाजपा के अंदर की बात बता डाली।

सामना में कहा गया है कि, 'कमल के फूल के कुंजबिहारी अटलबिहारी वाजपेयी (, atal bihari vajpayee), दीनदयाल उपाध्याय (,dindayal upadhyay), श्यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल कृष्ण आडवाणी (lalkrishna advani), नरेंद्र मोदी (narendra modi) और अमित शाह (amit shah) होंगे, साक्षी महाराज ने लोगों के इस भ्रम को दूर करके साबित कर दिया है कि कमल के फूल का भंवरा मियां ओवैसी ही हैं।


साक्षी महाराज कहते हैं, ‘ओवैसी मदद कर रहे थे, इसलिए हम बिहार का चुनाव जीत गए। अब ओवैसी साहब पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में हमारी सहायता करेंगे। ओवैसी बीजेपी की सहायता कर रहे हैं। यह भगवान की कृपा है। भगवान, ओवैसी को और शक्तिशाली बनाएं’।

सामना में बिहार चुनाव का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि, बिहार में ओवैसी ने मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाकों में पांच सीटें जीतीं। इस चुनाव में लगभग 17-18 सीटों पर तेजस्वी यादव (tejaswi yadav) को नुकसान हुआ, वरना बिहार में राजनीतिक में परिवर्तन जरूर हुआ होता। मुसलमानों के वोट ‘सेक्युलर' NDA, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की झोली में न जा पाए, उन्हें एकतरफा वोट न मिले, इसके लिए मियां ओवैसी का बाकायदा उपयोग किया जाता है। मुस्लिम वोट काटकर बीजेपी को फायदा हो, इसके लिए ही मियां ओवैसी की हवा बनी रहती है। अब तक ऐसा आरोप लोग लगाते थे, लेकिन अब बीजेपी के ही एक कुनबे से यह सब घोषित तौर पर कहा जाने लगा है।

पश्चिम बंगाल में भी मियां ओवैसी के काम से बीजेपी का चेहरा खिल उठा है। ओवैसी की मदद से बीजेपी को बंगाल जीतना है। हिंदुत्व विरोधी शक्ति का इस्तेमाल करके ही हिंदुत्व की जय-जयकार करके।

मियां ओवैसी कानूनी केे अच्छे जानकार हैं। उनकी जो भी राजनीति है, वो रहे उनके पास। मुसलमानों का जीवन स्तर सुधरे, मुसलमानों को मुख्यधारा में लाकर उनके जीवन के अंधेरे और धर्मांधता को दूर करने के लिए ओवैसी जैसे विद्वानों ने काम किया तो देश का भलाउन्होंने और उनके परिवारवालों ने पिछले दिनों जिस तरह से तीखे बयान दिए हैं, वो चौंकाने वाले हैं। 24 करोड़ मुसलमान, 100 करोड़ हिंदुओं पर भारी पड़ेंगे, पुलिसवालों को एक तरफ कर दो, फिर देखो हम क्या करके दिखाते हैं, इस तरह का उग्र बयान ओवैसी के भाई देते हैं। अब यही ओवैसी बीजेपी के विजय रथ बने हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी ओवैसी की मदद करके फायदे की राजनीति करती है। फिर ये लोग ‘हम राष्ट्रवादी और हिंदुत्ववादी हैं’ जैसी लफ्फाजी करते हुए घूमते हैं। मियां ओवैसी की पार्टी उनकी ही एक गुप्त शाखा है, उन्हें यह स्वीकार करना होगा। ऐसी कई गुप्त शाखाएं, उन्होंने हर राज्य में पाल-पोसकर रखी हुई हैं। ऐसी गुप्त शाखा दूसरी जगहों पर भी हैं। ‘तोड़ो-फोड़ो और जीतो’ इस गुप्त शाखा की नीति है। मुंबई मनपा चुनाव (BMC election) में भगवा उतारने का अहंकारी बयान इसी ‘गुप्त शाखा’ से हाथ मिलाने की साजिश का हिस्सा लग रहा है। 

जानकारों की मानें तो शिवसेना (shi vsena) ने मुंबई मनपा चुनाव में भगवा उतारने और गुप्त शाखा से हाथ मिलाने वाली साजिश का हिस्सा वाली लाइन में अपरोक्ष रूप से मनसे को भी घेरा है। यानी शिवसेना ने मनसे (mns) को भी बीजेपी की गुप्त पार्टी बताया है।

क्योंकि अभी हाल के दिनों से मनसे के भगवा झंडे और राज ठाकरे (raj thackeray) के भाषणों पर ध्यान दे तो वे भी बीजेपी के मुख्य एजेंडे हिंदुत्व (hindutwa) की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।

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