महाराष्ट्र में 9 महाराष्ट्र विधान परिषद (MLC Election) सीट के लिए सभी उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया है। लेकिन इस चुनाव के बाद से भारतीय जनता पार्टी (BJP) में एक के बाद एक नाराज़ नेता सामने आ रहे हैं। बीजेपी नेता एकनाथ खडसे के बाद, अब एक अन्य भाजपा नेता ने महाराष्ट्र विधान परिषद (एमएलसी) चुनावों के लिए नामांकन से वंचित होने पर असंतोष व्यक्त किया है।
पार्टी के राज्य नेतृत्व द्वारा दरकिनार किए जाने के मुद्दे पर, असंतुष्ट भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने पहले महाराष्ट्र में पार्टी नेतृत्व पर उनकी अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि एमएलसी चुनावों के लिए उन्हें टिकट न देना कुछ नेताओं की साजिश थी।
अब, महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा नेता राम शिंदे ने टिकट से वंचित होने पर नाराजगी व्यक्त की है। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में, राम शिंदे कर्जत-जामखेड़ निर्वाचन क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता रोहित पवार से हार गए थे।
राम शिंदे ने अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए फेसबुक पोस्ट के जरिये अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि, एमएलसी चुनावों की पृष्ठभूमि में, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि जिन लोगों को नामांकन नहीं मिला, वे कुछ समझेंगे और सीखेंगे। मुझे लगता है कि पंकजा ताई मुंडे ने काफी अच्छी तरह से सीखा(रमेश कराड को एमएलसी चुनावों के लिए उम्मीदवारी दी गई थी)। लेकिन मैं और कुछ अन्य लोग अच्छी तरह से नहीं सीख सके।
आपको बता दें कि भाजपा ने पहले एमएलसी चुनावों के लिए महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम विजयसिंह मोहित पाटिल के बेटे व बीजेपी नागपुर शहर के प्रमुख प्रवीण दटके, गोपीचंद पडलकर, अजीत गोपाडे और रंजीतसिंह मोहित पाटिल सहित चार उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की थी।
लेकिन अंतिम मिनट में परिवर्तन करते हुए गोपीचंद पडलकर की जगह राजेश कराड को टिकट दे दिया गया। लातूर के रहने वाले कराड को दिवंगत गोपीनाथ मुंडे और उनकी बेटी पंकजा मुंडे का करीबी माना जाता है।