हितेंद्र ठाकुर की बहुजन विकास आघाडी ने इस समय कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।बहुजन विकास आघाडी के चुनाव चिन्ह सिटी को बहुजन महापार्टी ने आधिकारिक रुप से रजिस्टर कराया है जिसके बाद बहुजन विकास आघाडी की चिंताए बढ़ गई थी। जिसे देखते हुए पार्टी ने इस बार कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर लड़ने का फैसला किया है।
तीन दशकों से वर्चस्व
बहुजन विकास आघाडी ने वसई विरार क्षेत्र में
तीन दशकों से अधिक समय तक अपना वर्चस्व बनाए रखा है। शुरुआत में हितेंद्र
ठाकुर ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा था और विधान सभा में प्रवेश किया था। उसके
बाद, उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर खुद की एक पार्टी बनाई। बहुजन विकास
आघाडी का पालघर इलाके में काफी दबदबा माना जाता है। पिछलें तीस सालों से
पार्टी यहां एकक्षत्र राज कर रही है।
बहुजन महापार्टी ने केंद्रीय स्तर पर अपना चुनाव चिन्ह सिटी रजिस्टर कराया था। जिसके बाद से बहुजन विकास आघाडी और बहुजन महापार्टी ने इस चिन्ह को सामंजस्य के साथ रखा था। लेकिन कुछ दिन पहले ही बहुजन महापार्टी ने अचानक से बहुजन विकास आघाड़ी से समर्थन वापस लेने का फैसला किया था, जिसके बाद उन्होने अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया और सिटी को अपने चुनाव चिन्ह के लिए रजिस्टर कराया। स्थिती को देखते हुए हिंतेंद्र ठाकूर ने कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर लड़ने का फैसला किया है।
शिवसेना का षड्यंत्र
बहुजन विकास आघाड़ी के अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर
ने शिवसेना पर आरोप लगाया है कि उसने चुनाव अवधि के दौरान छापे मारने की
साजिश रची। साथ ही, बहुजन महापार्टी के अध्यक्ष शम्सुद्दीन खान ने शिवसेना
नेताओं से मुलाकात की और चुनाव चिन्ह रजिस्टर कराने का फैसला किय़ा।
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