Advertisement

बिहार चुनाव में शिवसेना उम्मीदवारों को NOTA से भी मिले कम वोट, राणे ने कसा तंज

इस चुनाव में शिवसेना का पूरी तरह सफाया हो गया है। शिवसेना के उम्मीदवारों को ज्यादातर जगहों पर नोटा (nota) से भी कम वोट मिले हैं और कई की जमानत भी जब्त की गई है।

बिहार चुनाव में शिवसेना उम्मीदवारों को NOTA से भी मिले कम वोट, राणे ने कसा तंज
SHARES

भाजपा नेता नीलेश राणे (nilesh rane) ने बिहार विधानसभा चुनाव (bihar assembly election) के नतीजों पर तंज कसते हुए कहा कि, 'जब तक संजय राउत (sanjay raut) शिवसेना (shivsena) में हैं, तब तक विपक्षियों को किसी बात का डर नहीं है। इसका कारण यह है कि, बिहार चुनाव में शिवसेना की जो स्थिति हुई है वही स्थिति संजय राउत शिवसेना की महाराष्ट्र में करेंगे।'

बिहार चुनाव में शिवसेना ने 23 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन शिवसेना का प्रदर्शन बेहद ही बुरा रहा।

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार देर रात घोषित किए गए। इस चुनाव में, जेडीयू (jdu) और बीजेपी (bjp) के एनडीए (nda) को 125 सीटों का बहुमत मिला, जबकि राजद-कांग्रेस गठबंधन को 110 सीटें मिलीं। लेकिन इस चुनाव में शिवसेना का पूरी तरह सफाया हो गया है। शिवसेना के उम्मीदवारों को ज्यादातर जगहों पर नोटा (nota) से भी कम वोट मिले हैं और कई की जमानत भी जब्त की गई है।

नीलेश राणे ने ट्वीटर पर संजय राउत के खिलाफ तंज कसते हुए कहा, "संजय आज शाम से कंपाउंडर के पास बैठा है। जब तक संजय राउत शिवसेना में हैं, तब तक विपक्ष डरने वाला नहीं है क्योंकि हमें यकीन है कि संजय राउत महाराष्ट्र में भी वैसा ही करेंगे जैसा उन्होंने इस चुनाव में बिहार में किया था।"

शिवसेना का मजाक उड़ाते हुए नीलेश राणे ने शिवसेना के उन उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिन्हें नोटा से भी कम वोट मिले हैं। साथ ही उन्होंने लिखा है कि, बिहार चुनाव में शिवसेना के धमाकेदार प्रदर्शन:

  • बेनीपुर: शिवसेना 469 मत, नोटा 2145,
  • राघोपुर: शिव सेना -30, NOTA-310,
  • गया: शिवसेना -21 मत, NOTA-79,
  • मधुबनी: शिव सेना -63, NOTA-222,
  • नरपतगंज: शिवसेना -2, NOTA-50

नीलेश राणे ने ट्वीट कर आगे लिखा, बार बार अपनी बेइज्जती करवाने के लिए शिवसेना का एक बार फिर से अभिनंदन।

तो वहीं नीलेश राणे ने राहुल गांधी को भी लपेटे में लिया और उनके लिए कहा, राहुल गांधी (rahul gandhi) को राजनीति में बहुत कुछ सीखना है। क्योंकि BJP के सामने चुनाव लड़ने के लिए कितनी ऊंची और कैसी राजनीति करनी चाहिए, यह उन्हें बिहार, एमपी, यूपी, कर्नाटक चुनावों ने दिखा दिया है।

राहुल गांधी अपने 15 मिनट के भाषण में 12 मिनट तो मोदी (narendra modi) साहेब की आलोचना करने में ही बिता देते हैं, और यह बात किसी को अच्छी नहीं लगती।

Read this story in English or मराठी
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें