महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP ) ने हाल ही में राज्य सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी( Statewise) आंदोलन किया और मंदिरों को फिर से खोलने की अनुमति देने की मांग की। राज्य के पुणे, ठाणे और पालघर जिलों में विरोध प्रदर्शन हुए।
मंदिरों को खोलने की मांग
चंद्रकांत पाटिल सहित भाजपा कार्यकर्ताओं, नगरसेवकों, विधायकों और पदाधिकारियों ने घंटानंद आंदोलन लया घंटी बजाने वाले आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में बाहरी मंदिरों को इकट्ठा किया और राज्य सरकार से मंदिरों को खोलने के लिए भजन कीर्तन किया।
भगवा पार्टी ने शिवसेना की अगुवाई वाले महा विकास अगाड़ी (एमवीए) को भी चेतावनी दी है कि यदि सरकार अनुमति नहीं देती है तो भाजपा सभी मंदिरों को जबरन बंद कर देगी।
10,000 मंदिरों के बाहर आंदोलन
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मंदिरों को फिर से खोलने के लिए महाराष्ट्र सरकार को एक संदेश देने के लिए विरोध आवश्यक था। उन्होंने बताया कि राज्य भर में 10,000 मंदिरों के बाहर आंदोलन किया गया।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता (LoP), देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि राज्य में मंदिरों को फिर से खोलना आस्था का विषय है और गरीबों की आजीविका से भी जुड़ा हुआ है। मंदिरों और प्रमुख तीर्थों के आसपास के क्षेत्रों में कई लोगों की आजीविका केवल मंदिरों पर निर्भर करती है।
फडणवीस ने यह भी बताया कि शराब की दुकानों, शॉपिंग मॉल, बाजारों को कार्य करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने पूछा, "महाराष्ट्र सरकार मंदिरों को फिर से खोलने के खिलाफ क्यों थी?"