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विधानसभा शीतकालीन सत्र : नारेबाजी के बीच 100 रूपये के सवाल पर 1000 रूपये का जवाब


 विधानसभा शीतकालीन सत्र : नारेबाजी के बीच 100 रूपये के सवाल पर 1000 रूपये का जवाब
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महाराष्ट्र का शीतकालीन अधिवेशन 11 दिसंबर से शुरू हो गया। जैसा की आशंका जताई जा रही थी पहले दिन ही पक्ष और विपक्ष का टकराव देखने को मिला। जहां एक तरफ विपक्ष वेल में उतर कर जोरदार घोषणाबाजी कर रहा था तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने विपक्ष के इस रूप को 'मगरमच्छ का आंसू' बताया।

100 रूपये के स्टाम्प पेपर पर सवाल

सदन में चर्चा के दौरान जब हो हल्ला होने लगा तो विरोधी पक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि यह लोगों को फंसाने वाली सरकार है। पाटिल ने आगे कहा कि सरकार ने 41 लाख किसानों की कर्जमाफी की लिस्ट निकालते हुए कहा था कि जल्द ही इन किसानों के खाते में पैसा जमा होंगे लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होने आरोप लगाया कि यह सरकार सिवाय झूठे वादों के कुछ भी नहीं करती है। पाटिल ने 100 रूपये का स्टाम्प पेपर हवा में लहराते हुए कहा कि अब तक कितने किसानों के खाते में पैसा गया यह जवाब मुख्यमंत्री को इस स्टाम्प पेपर में लिख कर देना चाहिए।

1000 रूपये के स्टाम्प पेपर पर जवाब

राधाकृष्ण विखे पाटिल आरोपों का जवाब दिया मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने। फडणवीस ने कहा कि आप लोगों ने किसानों से झूठा वादा किया था। किसान अगर आत्महत्या कर रहे हैं तो यह आपके समय का पाप है। सीएम ने 1000 के स्टाम्प पेपर को लहराते हुए कहा कि मैं हजार के स्टाम्प पेपर पर लिख कर दे सकता हूं कि आखिरी किसान को लाभ मिलने तक यह योजना बंद नहीं होगी।

पूरे सत्र के दौरान विपक्ष की नारेबाजी चलती रही। साथ ही सदन में स्टाम्प पेपर का लहराना भी चर्चा का विषय बना रहा।










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