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मुंबई मनपा को लेकर कमल-धनुष के बीच जोरदार टक्कर


मुंबई मनपा को लेकर कमल-धनुष के बीच जोरदार टक्कर
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मुंबई महानगरपालिका चुनाव में एक वर्ष से अधिक का ज्यादा का समय बाकी है, लेकिन पर्दे के पीछे की तैयारियां अभी से शुरु हो गई हैं। मुंबई मनपा पर भाजपा ने भगवा फड़काने का निर्णय लिया है, जबकि शिवसेना का कहना है कि मुंबई मनपा पर शिवेसना के अलावा किसी और की सत्ता स्थापित हो ही नहीं सकती। एक तरफ सरकार है, जो मराठी व्यक्ति की अस्मिता के लिए खुद को सदैव सत्तर बता रही है तो दूसरी ओर से विपक्ष में बैठी भाजपा सरकार शिवसेना की अससफलताओं की लंबी सूची बनाने में जुटी है। मानसूनी काल में आधी से ज्यादा जलमग्न हुई मुंबई का तामाशा देखने वालों को एक बार फिर मुंबई मनपा में अपनी सत्ता स्थापित करनी है। 

विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह तय कर लिया है चाहे जो हो जाए, इस बार मुंबई मनपा पर भाजपा की ही सत्ता होगी। मुंबई मनपा चुनाव को भाजपा ने कितनी गंभीरता से लिया है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भाजपा ने इस चुनाव की तैयारियां लगभग एक वर्ष पहले से ही शुरू कर दी है। 2020 समाप्त होने की ओर अग्रसर है और कोरोना महामारी तथा मानसूनी वर्षा इन दोनों ही मामलों में मुंबई मनपा के कामकाज पर सवाल उठता रहा है।  देवेंद्र फडणवीस द्वारा जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, वह लक्ष्य शिवसेना को दी गई किसी चुनौती से कम नहीं है। 

शिवसेना के साथ लड़ने के लिए भाजपा ने मनसे का साथ लेने का मन बनाया है, ऐसी भी चर्चाएं चल रही हैं। मुंबई भाजपा कार्यकारिणी की पहली बैठक में देवेंद्र फडणवीस ने जिस तरह का रूख अपनाया है, उससे साफ है कि अबकी बार, मुंबई मनपा पर भाजपा सरकार, का लक्ष्य ही उनके सामने है।  मुबई मनपा के चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने एक ठोस रणनीति बनायी है और उसी रणनीति के आधार पर भाजपा शिवसेना को मनपा चुनाव में शिकस्त देगी। हर वार्ड में, बूथ में नेता की नियुक्ति करके मुंबई मनपा पर भाजपा परचम लहराने के लिए जी तोड़ मेहनत करने की अपील करते हुए विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमें इस बात का बेहद दुख है कि जिस राजनीतिक दल से भाजपा के बड़े अच्छे संबंध थे, वे संबंध अब राजनीतिक शत्रुता की हद तक बिगड़ गए हैं। 

फडणवीस का कहना है कि शिवसेना सत्ता के माज़ में जनहित तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को पूरी तरह से भूल गई है और इसीलिए 2022 में होने वाले मुंबई मनपा के चुनाव में शिवसेना को करारी हार का सामना करना पड़ेगा। कोरोना महामारी पर नियंत्रण प्राप्त होने के बाद खुद की पीठ थपथपाने वाली मुंबई मनपा तथा राज्य सरकार दोनों को इस बात का विश्लेषण करना होगा कि क्या दोनों ने अपना कामकाज अच्छी तरह से किया है। अगर राज्य सरकार तथा मुंबई मनपा का कामकाज अच्छा था तो देश में सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित मरीज मुंबई में क्यों, देश भर में कोरोना से मारे गए मरीजों में अकेले 40 प्रतिशत महारष्ट्र में ही क्यों. फडणवीस ने यह भी सवाल उठाया कि कोरोना के वास्तविक आकड़ों को क्यों दबाया गया, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के नाम पर जिन-जिन लोगों ने अपनी-अपनी जेबें भरी हैं, उनके नाम भी सामने आएंगे.    

भाजप नेता प्रवीण दरेकर ने कहा है कि भाजप – मनसे के बीच मुंबई मनपा चुनाव में गठबंधन होगा तो इस बारे में दरेकर ने कहा कि अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है, बहुत संभव है चुनाव तिथियां घोषित होने के बाद इस बारे में निर्णय लिया जाएगा, लेकिन आज के संदर्भ में पूछा जाए तो भाजपा मनपा चुनावी जंग में अकेली ही उतरेगी। भविष्य में भाजपा- मनसे ने एक साथ आने की घोषणा की तो उस स्थिति में शिवसेना के लिए मनपा में सत्तासीन रहना मुश्किल हो जाएगा. मनसे नेता बाला नांदगावकर ने भी मनसे- भाजपा गठबंधन के इंकार नहीं किया है। प्रवीण दरेकर की प्रतिक्रिया के बाद मनसे नेता बाल नांदगावकर से भाजपा- मनसे के बीच गठबंधन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में अंतिम निर्णय मनसे प्रमुख राज ठाकरे लेंगे। सामान्य जनता के बिजली का बढ़ा हुआ बिल जनचर्चा का विषय बना हुआ है। मनसे का कहना है कि राज्य सरकार ने राज्य की 11.5 करोड़ जनता के साथ धोखाधड़ी की है, इस वजह से जनता में आक्रोश व्याप्त है. सरकार को ठिकाने पर लाने के लिए मनसे के इस आंदोलन में सभी के शामिल होने की अपील मनसे नेता बाला नांदगांवकर ने की है। 

मुंबई महापालिका पर भाजपा का शुद्ध भगवा लहराने का नारा देने वाले विरोधी पक्षनेता देवेंद्र फडणवीस को शिवसेना सांसद संजय राऊत ने आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि  भाजपा को मुंबई के आर्थिक उतार-चढ़ाव में, शेयर बाजार में, जमीन में रस नहीं है। शिवसेना सांसद ने कहा कि किसी की 100 पीढियां भी आ गई तो भी मुंबई महानगरपालिका पर शिवाजी महाराज का भगवा कोई नीचे नहीं उतार सकता। भाजपा को मुंबई को महाराष्ट्र नहीं रखना है, लेकिन शिवसेना ऐसा नहीं होने देगी। भाजपा की एक अभिनेत्री कार्यकर्ता ने मुंबई पुलिस को माफिया कहा। मुंबई की जनता के बारे में उसने उलजुलूल बयान बाजी की, उसने मुंबई को पाक अधिकृत पाकिस्तान की संज्ञा दी, उस समय ये शुद्ध भगवा वाले उसे समर्थन दे रहे थे। भाजपा से इतर शिवसेना मुंबई मनपा पर अपनी सत्ता के दुरुपयोग को कानूनी बताती है. मानसूनी वर्षा में आधी से ज्यादा डूबने वाली मुंबई शिवेसना के लिए खेद का विषय नहीं होता और वह शुद्ध और अशुद्ध भगवाई जंग में अपनी नाकामी पर पर्दा डाल रही है, अब देखना यह है कि मुंबई मनपा पर शिवसेना की सत्ता बरकरार रह पाती है या नहीं.

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