कांग्रेस ने अपने तीन बार के MLC सुधीर तांबे ( SUDHIR TAMBE) के खिलाफ पार्टी के फरमान को धता बताने और नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र (Nashik Graduate constituency) से विधान परिषद चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल नहीं करने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। पार्टी ने तांबे को निलंबित कर दिया है और इसके साथ ही उनके खिलाफ अनुशात्मक जांच भी शुरु कर दी है। जब तक जांच पूरी नही हो जाती तब उन्हे पार्टी से निलंबित किया गया है।
सुधीर तांबे के बेटे सत्यजीत तांबे ने नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है और ऐसी अटकलें थीं कि भाजपा उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करेगी। जिसे देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने सुधीर तांबे के खिलाफ ये कार्रवाई की है। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक एक-दो दिन में सत्यजीत तांबे के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई किए जाने की उम्मीद है।
इस बीच सुधीर तांबे ने कहा की उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है, क्योंकि पार्टी ने जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, "यह सच नहीं है कि हम भाजपा में शामिल हो रहे हैं और न ही हमने सत्यजीत के लिए भाजपा से समर्थन मांगा है।"
नासिक से सुधीर तांबे की गैरमौजूदगी में इस क्षेत्र में शिवसेना (उद्धव) सबसे मजबूत पार्टी बनकर उभरी है। इसी तरह नागपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस का गढ़ है, हालांकि सीट MVA के भीतर आंतरिक समायोजन के रूप में शिवसेना को दी गई थी। शिवसेना ने गंगाधर नकाडे को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन अब उनसे नामांकन वापस लेने के लिए कहा जा सकता है।
इसके बजाय कांग्रेस से उम्मीद की जा रही है कि वह निर्वाचन क्षेत्र के दोनों निर्दलीय उम्मीदवारों राजेंद्र जाडे या सुधाकर अदबले को अपना समर्थन देगी।
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