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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, क्यों मुंबई और दिल्ली में बढ़ रहे हैं कोरोना के मरीज?

आंकड़ों की मानें तो देश में इस समय जितने कोरोना पीड़ितों की सँख्या है उसका कुल 20 प्रतिशत हिस्सा मुंबई में है। देश के अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में कोरोना पीड़ितों की संख्या सबसे अधिक है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, क्यों मुंबई और दिल्ली में बढ़ रहे हैं कोरोना के मरीज?
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देश की राजधानी दिल्ली और वित्तीय राजधानी मुंबई में कोरोना की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे न केवल राज्य प्रशासन बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता जाहिर की जा रही है। मुंबई और दिल्ली की स्थिति का अध्ययन करने के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इन दो शहरों में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के पीछे का कारण बताया है।

इस समय देश में कोरोना पीड़ितों की कुल संख्या 42,670 तक पहुंच गई है, जिनमें से 1,395 कोरोना पीड़ितों की मृत्यु हो गई है।  महाराष्ट्र में भी कोरोना पीड़ितों की संख्या 12,975 तक पहुंची गयी है जिसमें से 548 पीड़ितों की मृत्यु हो गई है। राज्य में जितने कोरोना पीड़ित हैं उसमें से 8800 मरीज अकेले मुंबई से हैं। आंकड़ों की मानें तो देश में इस समय जितने कोरोना पीड़ितों की सँख्या है उसका कुल 20 प्रतिशत हिस्सा मुंबई में है।  देश के अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में कोरोना पीड़ितों की संख्या सबसे अधिक है।

इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक समाचार चैनल द्वारा पूछे जाने पर कहा कि मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में ग्रामीण इलाकों की तुलना में लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं लिया जाता है।  कुछ लोग गैर-जिम्मेदाराना तरीके से सड़कों पर घूमते देखे जाते हैं। और वे बिना मास्क पहने एक दूसरों के करीब से आते जाते हुए नजर आते हैं। सोशल डिटेन्स जैसे नियमों का भी कड़ाई से पालन नहीं करते हैं। इसके विपरीत, ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक दूरी का अच्छी तरह से पालन किया जाता है।  इसीलिए ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में मुंबई और दिल्ली में कोरोना रोगियों की संख्या अधिक बढ़ रही है।

डॉक्टर हर्षवर्धन ने एक और कारण का उल्लेख करते हुए आगे बताया कि, विदेशों में यात्रा करने वाले यात्रियों की एक बड़ी संख्या मुंबई और दिल्ली हवाई अड्डों पर उतरती है।  उनके माध्यम से भी अन्य लोग कोरोना से संक्रमित हो जाते हैं जिससे कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ जाती है।  इसके अलावा इन दोनों शहरों में झुग्गी झोपड़ियों की संख्या भी काफी है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सामाजिक दूरी का पालन करना बहुत मुश्किल होता है, जिससे कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है।

उन्होंने आगे कहा, जब तक मुंबई में आम जनता खुद से सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं करती है, तब तक कोरोना पीड़ितों की संख्या को कम नहीं किया जा सकता है। प्रशासन द्वारा जरूरी बस्तुओं की दुकानों को खुलने का समय भी निर्धारित किया है इसके बाद भी वहां भीड़ होती है। 

और लोगों द्वारा गांव जाने के लिए भी फॉर्म की लाइन और मेडिकल जांच के लिए भी भीड़ नजर आ रही है।

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