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महाराष्ट्र के मंत्री का दावा, 'योगी सरकार प्रवासी मजदूरों को बुलाना नही चाहती है।''

मलिक ने सोमवार को बताया कि, दूसरे राज्यों से आए हुए जो मजदूर मुंबई और महाराष्ट्र में फंसे हुए हैं, उन्हें वापस उनके घर भेजने की तैयारी महाराष्ट्र सरकार कर रही है।

महाराष्ट्र के मंत्री का दावा, 'योगी सरकार प्रवासी मजदूरों को बुलाना नही चाहती है।''
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महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री और NCP के प्रवक्ता नवाब मलिक ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी पर हैरान कर देने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र से यूपी जाने वाले कई प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने में यूपी की योगी सरकार शर्त रख रही है। और अगर हम उनकी वह शर्त मान लेते हैं तो प्रवासियों को यूपी भेजने में एक साल से अधिक का समय लग जाएगा।

नवाब मलिक ने कहा, ’महाराष्ट्र में रहने वाले यूपी के लोगों की संख्या लगभग 25 से 30 लाख है। उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें वापस बुलाने के लिए कहीं न कहीं आनाकानी कर रही है। वो शर्त रख रही है कि सभी मजदूरों का कोरोना वायरस का टेस्ट कराकर ही भेजें।

मलिक के मुताबिक, अगर 30 लाख लोगों का टेस्ट हम कराते हैं तो हमें लगता है कि एक साल से ज्यादा का समय लगेगा। हमें लगता है कि योगी जी उत्तर प्रदेश के लोगों को लेना नहीं चाहते, इसलिए वो अड़चन पैदा कर रहे हैं।

मलिक ने सोमवार को बताया कि, दूसरे राज्यों से आए हुए जो मजदूर मुंबई और महाराष्ट्र में फंसे हुए हैं, उन्हें वापस उनके घर भेजने की तैयारी महाराष्ट्र सरकार कर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि, आज भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई, जिसमें पुलिस विभाग के लोग, BMC के आयुक्त सहित रेलवे विभाग के लोग भी थे। पूरी तरह से हम तैयारी कर रहे हैं। विशेषकर बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश के लोगों को भेजने की तैयाारी हो रही है और जल्द से जल्द वहां जाने के लिए ट्रेनें छूटेंगी।

मलिक ने कहा, जिस तरह से बाकी राज्य अपने लोगों को लेने की अनुमति दे रहे हैं, उत्तर प्रदेश सरकार भी जल्द से जल्द उसी तरह की अनुमति दे।

प्रशासन द्वारा बताया गया है कि, केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार, मजदूरों को उनके गांवों में वापस भेजने की व्यवस्था की जा रही है। उनके लिए विशेष 'श्रमिक' ट्रेने भी चलाई जा रही हैं।उत्तर प्रदेश जाने के लिए राज्य के नासिक, भिवंडी और नागपुर से विशेष ट्रेनें भेजी गईं हैं।  

राज्य सरकार ने सूचित किया है कि अब तक 35,000 मजदूरों को यहाँ से उनके राज्यों में भेजा गया है।  

सरकार ने बताया कि श्रमिकों को भेजते समय, उनकी उचित जांच की जा रही है और श्रमिकों के प्रवास के बारे में विभिन्न राज्यों के साथ चर्चा चल रही है।

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