कोरोना वायरस यानी COVID-19 के प्रकोप के कारण सेनिटाइजर की मांग काफी बढ़ गयी है। जिसके बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने अपने स्वयं के सहकारी चीनी कारखाने में से 50,000 लीटर शराब का उपयोग हैंड सैनिटाइज़र के निर्माण के लिए देने का निर्णय किया है। डॉक्टरों के मुताबिक जिस सैनिटाइजर्स में 60 फीसदी तक अल्कोहल पाया जाता है उसकी गुणवत्ता अच्छी होती है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, टोपे जालना में स्थित समर्थ सहकारी चीनी कारखाने के मालिक हैं और जालना उनका गृह नगर भी है। उनके चीनी कारखाने में चीनी बनाने के लिए लगने वाली शराब को उन्होंने सैनिटाइटर बनाने के लिए देने का निर्णय किया है।
केंद्र, राज्य उत्पाद शुल्क विभाग और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से इसके लिए अनुमति भी ले ली गई है। राज्य के आबकारी आयुक्त कांतिला उमाप ने कहा कि जालना उत्पाद एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध होगा, जबकि सरकार ने प्रमुख रूप से सैनिटाइजर की कमी को पूरा किया है।
TOI ने उमाप के हवाले से कहा, "केंद्र ने राज्य स्तर के प्रशासकों से हैंड सैनिटाइज़र के निर्माताओं को इथेनॉल की आपूर्ति में किसी भी अड़चन को दूर करने और आवेदकों को अनुमति और लाइसेंस देने के लिए कहा है।"
कोरोनावायरस या COVID-19 के प्रकोप के मद्देनजर, बाजार में sanitisers की तत्काल आवश्यकता है। ऐसी खबरें आई हैं कि लोग हैंड सैनिटाइजर जैसी जरूरी चीजें जमा कर रहे हैं। यही नहीं बाजारों में नकली सेनिटाइजर बिकने की भी सूचना मिली जिसके बाद पुलिस ने कई जगहों पर छापा मार कर जब्त किया।
इस बीच, टोपे ने महाराष्ट्र में छह मेडिकल कॉलेजों में कोरोनावायरस के परीक्षण के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से तत्काल मंजूरी की मांग की है।
हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने लोगों से नहीं घबराने की अपील की है और राज्य में सभी जरूरत के सामान उपलब्ध होने का आश्वासन भी दिया है। राज्य सरकार ने किराना और मेडिकल स्टोर को 24 घंटे खुला रखने की अनुमति दी है।