राज्य में मराठी बनाम हिंदी की बहस छिड़ी हुई है, वहीं झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा मराठी समुदाय को लेकर दिए गए विवादित बयान से राजनीतिक माहौल गरमा गया है। लोकसभा मे कांग्रेस की महिला सांसद वर्षा गायकवाड़ ने संसद भवन की लॉबी में दुबे से सवाल किया। हालाँकि, विवाद यहीं नहीं रुका और लोकसभा में एक बार फिर दोनों के बीच तीखी जुबानी जंग देखने को मिली। (Lok Sabha Debate between Varsha Gaikwad and Nishikant Dubey on Marathi Hindi controversy)
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा, गायकवाड़ का हस्तक्षेप
जब लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चल रही थी, निशिकांत दुबे भाषण दे रहे थे। इस दौरान वर्षा गायकवाड़ लगातार बोलती रहीं, जिससे दुबे नाराज हो गए। दुबे ने पूछा, "अगर इसी तरह चलती रही तो संसद का कामकाज कैसे चलेगा?" उन्होंने आगे कहा, "देखिए, इन बहनों को तो पता ही नहीं कि संसद की लॉबी में जो कुछ भी होता है, वह हंसी-मज़ाक के साथ होता है, लेकिन वे इसकी रिपोर्ट करती हैं, अगर हम भी उनके भाषणों में बोलने लगें, तो कांग्रेस के सांसद संसद में एक शब्द भी नहीं बोल पाएँगे" ।
गायकवाड़ की तीखी प्रतिक्रिया
दुबे के बयानों से वर्षा गायकवाड़ आक्रामक हो गईं और उन्होंने एक बार फिर दुबे पर सवालों की बौछार कर दी। वर्षा गायकवाड़ ने कहा की "दुबे ने महाराष्ट्र और मराठी लोगों का अपमान किया है, इसलिए हमने उनसे जवाब मांगा है।"
पीठासीन अधिकारी का हस्तक्षेप
जैसे ही हंगामा बढ़ने लगा, पीठासीन अधिकारी दिलीप सैकिया ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने वर्षा गायकवाड़ को चुप रहने का निर्देश दिया और साफ़ शब्दों में कहा, "आपको अपनी सीट से कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, मैंने आपको बीच में बोलने की अनुमति नहीं दी है, कृपया कार्यवाही में बाधा न डालें।"
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