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अधिवेशन में महिला नीति मसौदा पर हो चर्चा - विधान परिषद अध्यक्ष रामराजे नाइक-निंबालकर


अधिवेशन में महिला नीति मसौदा  पर हो चर्चा - विधान परिषद अध्यक्ष रामराजे नाइक-निंबालकर
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राज्य में समाजशास्त्र और राजनीति में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लेकिन अभी भी समाज की मानसिकता को बदलने की जरूरत है। महिला सशक्तिकरण सही दिशा में आगे बढ़ रहा है और सरकार महिलाओं की समग्र प्रगति के लिए प्रयास कर रही है। विधान परिषद के अध्यक्ष रामराजे नाइक निंबालकर ने कहा कि चौथी महिला नीति के मसौदे पर बजट सत्र में चर्चा होनी चाहिए।

चौथी महिला नीति के मसौदे पर सुझाव व फीडबैक देने के लिए विधान भवन में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता डॉ. नीलम गोरहे, महिला एवं बाल विकास मंत्री एड. यशोमती ठाकुर, विधायक मंजुला गावित, गीता जैन, विधायक सर्वश्री राजेश पाटिल, श्रीनिवास वनगा, महादेव जानकर, संजय मामा शिंदे, प्रताप अदसाद, अरुण लाड, भीमराव केरम, महिला आयोग सदस्य अधिवक्ता संगीता चव्हाण, सचिव आई.ए. कुंदन मौजूद थे।

अध्यक्ष रामराजे नाइक निंबालकर ने कहा कि सावित्रीबाई फुले के योगदान से ही महिलाओं के लिए शिक्षा के द्वार खुले हैं। जब तक समाज की मानसिकता में बदलाव नहीं आएगा तब तक लैंगिक समानता नहीं आएगी। महिलाओं को उनके अधिकारों और अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। हम देखते हैं कि अगर अवसर दिया जाए तो महिलाएं बहुत अच्छा काम कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले सत्र में इस पर चर्चा होनी चाहिए, ताकि व्यापक महिला नीति तैयार की जा सके।

महिलाओं के लिए समान अवसर के लिए सतत विकास की नीति - उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोरहे

डिप्टी स्पीकर डॉ. नीलम गोरहे ने कहा कि हर जिले में जिला योजना समिति की तरह महिला विकास के लिए जिला स्तरीय समिति होनी चाहिए. जब निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाएं शामिल होंगी तभी महिला सशक्तिकरण वास्तविक होगा। महिलाओं को समान अधिकार और समान अवसर दिलाने के लिए सतत विकास की नीति बनेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार महिलाओं के समग्र विकास के लिए जनशक्ति और पर्याप्त वित्तीय प्रावधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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