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ये तेरी पार्टी... ये मेरी पार्टी...


ये तेरी पार्टी... ये मेरी पार्टी...
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मुंबई – बीएमसी चुनाव में हर पार्टियां अपनी गोटी फिट करने के लिए तमाम जुगत लगाती रहती हैं। हर पार्टी किसी भी तरह जीत हासिल करना चाहती हैं। कभी एनसीपी के साथ गठबंधन करने वाली आरपीआई (आठवले गुट)आज बीजेपी के साथ है। कांग्रेस ने दलित नेता प्रोफ़ेसर जोगेंद्र कवाडे को विधान परिषद भेजा, तो पीपल्स रिपब्लिकन पार्टी (कवाडे गुट) ने कांग्रेस के साथ युति कर ली और बीएमसी की सात सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। शिवसेना-बीजेपी की युति टूटने पर जहां आठवले गुट बीजेपी के साथ गया तो वहीं पुणे में आरपीआई (खरात गुट) के नेता सचिन खरात शिवसेना के साथ हो लिए। आरपीआई के गवई गुट के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र गवई कांग्रेस के साथ युति करना चाहते थे लेकिन किन्ही कारणवश यह संभव नहीं हो सका। हालांकि गवई ने मुंबई में युति भले न किया हो, लेकिन अमरावती में इनकी युति हो गयी। प्रकाश अंबेडकर की पार्टी भारतीय बहुजन पक्ष ने भले ही किसी के साथ युति नहीं किया हो, लेकिन उनके भाई आनंदराज ने मायावती की पार्टी बसपा के साथ युति कर लिया।

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