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संघ को 5 मिनट में निपटाने की बात पर अटल ने इंदिरा गाँधी को दिया मजेदार जवाब, जानिए अटल जी से जुड़े 5 किस्से


संघ को 5 मिनट में निपटाने की बात पर अटल ने इंदिरा गाँधी को दिया मजेदार जवाब, जानिए अटल जी से जुड़े 5 किस्से
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भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया है। वे पिछले करीब दो महीने से एम्स में भर्ती थे और बीते तीन दिनों से जीवन रक्षक प्रणाली पर चल रहे थे। 93 साल के वाजपेयी के निधन से भारत की राजनीति के एक सूर्य अस्त हो गया। लगभग 4 दशक तक राजनीती करने वाले अटल के कई ऐसे किस्से हैं जो आपको जरूर जानना चाहिए।


इस तरह जुड़े संघ से 

वह साल 1939 का था। अटल बिहारी वाजपेयी तब किशोरावस्था में थे। एक बार वे ग्वालियर में अपने कुछ दोस्तों के साथ आर्य कुमार सभा की बैठक में गए थे। मात्र 15 साले के वाजपेयी वाजपेयी ने चंद मिनटों में ही अपनी वाकपटुता और भाषण से सभा के वरिष्ठ कार्यकर्ता भूदेव शास्त्री का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। प्रभावित भूदेव शास्त्री ने बैठक खत्म होने के बाद खुद अटल जी के पास गए और क्या तुम संघ की शाखा में आना पसंद करोगे। और इस तरह से अटल की संघ की यात्रा शुरू हुई।

जब इंदिरा जी को किया निरुत्तर 

एक बार सदन में इंदिरा ने कहा कि वे जनसंघ को 5 मिनट में निपटा सकती है। जब अटल जी की बारी आई तो उन्होंने कहा कि इंदिरा जी 5 मिनट में अपने बाल तक नहीं संवार सकती तो वे 5 मिनट में संघ को क्या निपटा पाएंगी?

अटल ने जब संसद में लगाई दहाड़ 

जब केंद्र में बीजेपी की सरकार 13 दिनों के लिए बनी थी तब सत्ता के लिये वह संघर्ष कर रही थी। उनको 10 दिन में बहुमत साबित करने का मौका मिला था। खुद अटल ने कई नेताओं के दल प्रमुखों से बात किया। इसी बीच विपक्ष ने अटल पर आरोप लगाया कि उन्हें सत्ता का लालच पैदा हो गया है।  बस फिर क्या था आहत वाजपेयी जी ने सदन में दहाड़ लगते हुए जोरदार भाषण दिया। उन्होंने कहा मेरे ऊपर आरोप लगाया गया है कि मुझे सत्ता का लोभ हो हगया है। मैंने सदन में 40 साल गुजारे हैं। लोगों ने मेरा व्यवहार आचरण देखा है। पार्टी तोड़कर सत्ता मिलती है तो ऐसी सत्ता मुझे पसंद नहीं। इसके बाद वाजपेयी ने संस्कृत में कहा 'न भीतो मरणादस्मि केवलं दूषितो यशः, भगवान राम ने कहा था कि मैं मृत्यु से नहीं डरता, डरता हूं तो बदनामी से डरता हूं लोकापवाद से डरता हूं।

दोस्ती के किस्से भी मशहूर 

कहा जाता है कि अटल, आडवाणी और भैरोसिंह की दोस्ती राजस्थान से साथ में शुरू हुई थी। 1982 में अटल जी भैरोसिंह की बेटी की शादी में कन्यादान करने पहुंचे थे। जैसे ही अटल जी इस शादी में पहुंचे तो दोनों नेता इस तरह से गले मिले जैसे काफी सालों बाद दो दोस्तों का मिलन हुआ हो। यही नहीं भैंरो सिंह जब तक जीवित रहे, तब अपने दिल्ली प्रवास के दौरान रोजाना अटल बिहारी वाजपेयी के घर जाकर उनका हालचाल पूछते थे। दोनों ही नेताओ ने इस दोस्ती के रिश्ते को बखूबी निभाया।

जब जॉनी लीवर की लगाया गले 

एक इंटरव्यूह में अभिनेता जॉनी लीवर ने कहा कि एक बार जब उनकी मुलाकात अटल बिहारी वाजपेयी से हुई तो वे घबरा गए कि कहीं उनकी कॉपी करने की वजह से उन्हें कुछ सुनना न पड़े, लेकिन जॉनी लीवर को देखकर अटल बिहारी ने अपने अंदाज में हंसते हुए और उन्हें गले लगाते हुए कहा  'अरे... मेरा पार्टनर आ गया यार'।

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