गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह(Parambir singh) द्वारा लगाए गए आरोपों की सीबीआई(CBI) जांच शुरू की जाएगी। मुंबई उच्च न्यायालय ने सीबीआई को अनिल देशमुख के आरोपों की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया है।
परमबीर सिंह के साथ, वकील जयश्री पाटिल ने भी मुंबई उच्च न्यायालय(bombay high court) में एक याचिका दायर की थी। बंबई उच्च न्यायालय ने परमबीर सिंह के खिलाफ दायर दो अन्य जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया है और यह आदेश अधिवक्ता जयश्री पाटिल की याचिका पर दिया है। परमबीर की याचिका का निपटारा करते हुए, अदालत ने स्पष्ट किया कि वह संबंधित फोरम के समक्ष अपनी शिकायतें प्रस्तुत करे।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में अनिल देशमुख ने मानसुख हिरेन हत्याकांड में नामजद किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वेज को निलंबित करने के लिए हर महीने 100 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया था। परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोपों की जांच की मांग की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को मुंबई उच्च न्यायालय में भेजा। वहीं, एडवोकेट जयश्री पाटिल ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अनिल देशमुख पर लगे आरोपों की जांच की मांग की थी।
अदालत ने कहा कि गृह मंत्री के खिलाफ आरोप हैं, इसलिए सीबीआई को निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया गया है।
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