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Jamia Protest: जावेद अख्तर ने किया ट्वीट, IPS अफसर ने दिया जवाब

बॉलीवुड में भी ऐसे कई लोग हैं जो इस पुलिसिया कार्रवाई को कानून और संविधान के खिलाफ बता रहे हैं तो कुछ लोग छात्रों द्वारा किये गए हिंसा के खिलाफ हैं।

Jamia Protest: जावेद अख्तर ने किया ट्वीट, IPS अफसर ने दिया जवाब
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नागरिकता कानून (CAA) को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, खास कर कॉलेजों के छात्र दिल्ली पुलिस द्वारा जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर किया गया कार्रवाई की सख्त खिलाफ हैं। बॉलीवुड में भी ऐसे कई लोग हैं जो इस पुलिसिया कार्रवाई को कानून और संविधान के खिलाफ बता रहे हैं तो कुछ लोग छात्रों द्वारा किये गए हिंसा के खिलाफ हैं।

क्या है मामला?

बॉलीवुड के जाने-माने नाम, लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने भी जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों की पिटाई की कड़ी निंदा की है, और इस बारे में एक ट्वीट किया है। लेकिन वे अपने ट्वीट की वजह से ट्रोल होने लगे। साथ ही उनके ट्वीट पर एक IPS अधिकारी ने उन्हें जवाब भी दिया है।

आइये देखते है जावेद अख्तर ने किया लिखा था, 

जावेद अख्तर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'लॉ ऑफ लैंड के मुताबिक, किसी भी परिस्थिति में पुलिस किसी भी यूनिवर्सिटी के कैंपस में यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की इजाजत के बिना नहीं घुस सकती। जामिया कैंपस में बिना इजाजत घुसकर पुलिस ने एक ऐसी मिसाल कायम की है जो हर यूनिवर्सिटी के लिए एक खतरा है।'

इसके जवाब में एक IPS अधिकारी संदीप मित्तल ने ट्वीट कर जावेद अख्तर को जवाब दिया कि, 'प्रिय लॉ एक्सपर्ट, प्लीज लॉ ऑफ लैंड, सेक्शन नंबर, एक्ट के नाम को थोड़ा विस्तार से समझाएं ताकि हम भी प्रबुद्ध हों।' 

दरअसल, जावेद अख्तर ने CAA के खिलाफ विरोध कर रहे जामिया यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों पर पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई पर सवाल उठाए थे, इसके बाद जावेद ट्रोल होने लगे।  

एक यूजर ने जावेद अख्तर को टैग करते हुए लिखा- देश की पुलिस बिना परमिशन नहीं घुस सकती कानून इसकी इजाजत नहीं देता। फिर देश मे बिना परमिशन घुसे घुसपैठियों को कानून क्यों इजाजत दे ?? फिर जो ये सब कुछ हो रहा है वो क्यों हो रहा है। बसों में आग लगाना, सड़कें जाम करना, पत्थर बाजी करना कानूनी है?

तो वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा- आर्टिकल 14 पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को प्रदर्शन ही नहीं करना चाहिए क्योंकि यहां 50% आरक्षण है। आरक्षण के टाइम आर्टिकल 14 याद नहीं आया क्या?

आपको बता दें कि, जब से गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल (CAB) को लोकसभा में पेश किया है तभी से ही इस बिल का विरोध किया जा रहा है। इस समय यह बिल कानून की शक्ल अख्तियार कर लिया है इसके बावजूद आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा हैं. कई जगह हिंसक आंदलोन हुए हैं।

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