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इंदिरा गांधी करीम लाला से मिलने आती थीं, मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया- संजय राउत

करीम लाला और इंदिरा गांधी के उपर दिये गये अपने बयान पर गुरुवार को प्रेस कॉफ्रेस कर सफाई देते हुए कहा की उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है।

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शिवसेना सांसद और पार्टी के प्रवक्त संजय राउत ने बुधवार को एक नीजी कार्यक्रम में करीम लाला और इंदिरा गांधी के उपर दिये गये अपने बयान पर गुरुवार को प्रेस कॉफ्रेस कर सफाई देते हुए कहा की उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है।  करीम लाला पठानो के नेता थे,जिसके कारण कई नेता उनसे मिलने आते थे।  आपको बता दे की बुधवार को एक निजी कार्यक्रम में संजय राउत ने कहा थी की उन्होने मुंबई के असील अंडर्वल को देखा है, और उस समय करीम लाला से मिलने के लिए इंदिरा गांधी भी आती थी।  

अंडरवर्ल्ड डॉन तय करते थे कौन बैठेगा मंत्रालय में
क्या कहा था राउत ने " साठ से अस्सी के दशक की शुरुआत तक मुंबई के अंडरवर्ल्ड में करीम लाला, मस्तान मिर्जा उर्फ हाजी मस्तान और वर्दराजन मुदालायर तीन डॉन हुआ करते थे, वे तय करते थे कि मुंबई पुलिस का कमिश्नर कौन होगा और कौन मंत्रालय में बैठेगा, जब हाजी मस्तान मंत्रालय आता तो पूरा मंत्रालय उसे देखने के लिए काम छोड़कर नीचे चला आता था, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मुंबई में मिलती थीं"

करीम लाला का जन्म अफगानिस्तान के कुनार जिले के एक पहाड़ी गांव में हुआ था। उसका पूरा नाम अब्दुल करीम शेर खान था। पेशावर के रास्ते वह 1940 की शुरुआत में मुंबई डॉक पर काम करने आया था। उसका परिवार दक्षिणी मुंबई के काफी घनी आबादी वाले इलाके भिंडी बाजार में बस गया। शुरू में तो उसने मुंबई डॉक पर काम किया। बाद में वह पठानों के एक गैंग में शामिल हो गया। पठान गैंग के गुर्गे कई अवैध काम करते थे। शुरू में तो उसने पठान गैंग के सदस्य के तौर पर काम करना शुरू किया और बाद में उसका सरगना बन गया। करीब दो दशक तक वह पठान गैंग का सरगना रहा।

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