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ओमकार बिल्डर के विरोध में मंत्रालय में धरना


ओमकार बिल्डर के विरोध में मंत्रालय में धरना
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गुरूवार को मंत्रालय में उस समय हलचल देखने को मिली जब कई महिला और पुरुष त्रिमूर्ति प्रांगण में ओमकार बिल्डर के खिलाफ धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे हुए लोगों का कहना था कि सरकार से कई बार मिन्नतें करने के बाद भी न्याय दिलाने के लिए कोई आगे नहीं आया है इसलिए मज़बूरी में हमे ऐसा कदम उठाना पड़ा है। मालाड में रहने वाले इनका आरोप है कि ये बिल्डर ने इन्हे बेघर कर दिया है, क्योंकि ओमकार बिल्डर ने इनका घर ले लिया और उसके बदले में कोई घर नहीं दे रहा है।


'दो साल से नहीं मिला किराया'

धरने पर बैठे एक शख्स ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से हम मालाड के हाईवे आंदोलन कर रहे हैं लेकिन कोई हमारी तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। हमने स्थानीय नगरसेवक से लेकर मंत्री तक से फरियाद की लेकिन कोई भी हमें न्याय नहीं दिला नहीं आया। शख्स में आगे बताया कि बिल्डर ने 2012 में हमारा घर तोड़ दिया और 2016 तक रहने का किराया दिया लेकिन उसके बाद बिल्डर ने हाथ ऊपर उठा दिया। पिछले दो सालों से हमें हमारे घर का किराया नहीं मिल रहा है। हमारा गुजर बसर अब महंगा हो रहा है। शख्स के अनुसार हमने सचिव संजय कुमार को इस बारे में पत्र भी लिखा अगर हमें हमारा घर नहीं मिलेगा तो हमारा आंदोलन शुरू रहेगा। मंत्रालय में धरना देने बैठे इन सभी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

2007 में ओमकार बिल्डर से करार होने के बाद 2011 में हमारा घर तोड़ा गया। बिल्डर ने पांच साल तक घर के किराया तो दिया लेकिन उसे बाद अपात्र बता कर किराया देने में टालमटोल करने लगा। यही हाल लगभग 94 परिवार वालों का है।

बच्चूलाल चव्हाण , रहिवासी


क्या है मामला?

मालाड ईस्ट के क़ुरार में शांताराम तालाब जानू भोईर गृहनिर्माण संस्था के सैकड़ों रहिवासियों को ओमकार बिल्डर ने अपात्र घोषित करके उन्हें न तो घर दे रहा है ना ही घर की किराया। पिछले चार साल से बिल्डिंग का निर्माणकार्य चालू है जिसमें से छह बिल्डिंगों में से तीन का काम पूरा हो चूका है।

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