राज्य में होनेवाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी कर ली है। जहां एक ओर बीजेपी और शिवसेना ,दोनों ही पार्टियों ने अपने अपने स्तर पर रणनीति बनाने में जुट गई है तो वही दूसरी ओर कांग्रेस और एनसीपी में भी सीटों का बंटवारा लगभग तय दिख रहा है। मुंबई की दहिसर पर साल 2014
के पहले शिवसेना के विनोद घोषालकर विधायक थे और साल 2014
में बीजेपी की मनीषा चौधरी ने विनोद घोषालकर को हराया था। इस बार भी दहिसर इलाके से बीजेपी ने मनिषा चौधरी को ही टिकट दिया है।
क्या है दहिसर का गणित
दहिसर में मराठी , गुजराती और उत्तर भारतीय समुदाय की अच्छी संख्या है। इस विधानसभा को साल 2009 में बनाया गया था। 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना के विनोद घोषालकर ने इस विधानसभा से जीत दर्ज की थी। तब शिवसेना और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की मनीषा चौधरी ने विनोद घोषालकर को हराया। 2014 में शिवसेना और बीजेपी ने अलग अलग विधानसभा चुनाव लड़ा था।
दहिसर में शिवसेना के ज्यादा नगरसेवक
साल 2017 में हुए बीएमसी नगरसेवक चुनाव में इस विधानसभा में शिवसेना का पल्ला भारी दिखा। इस विधानसभा में शिवसेना के 6 नगरसेवक है और बीजेपी के 2 नगरसेवक है।
कांग्रेस का जनाधार कम
दहिसर विधानसभा में कांग्रेस को खास दबदबा नहीं दिखता है। कांग्रेस की शीतल म्हात्रे को 2014
के विधानसभा चुनाव में लगभग 13
फिसदी वोट मिले थे। हालांकी साल 2017
में हुए बीएमसी चुनाव में वह हार गई थी। फिलहाल कांग्रेस ने इस बार इस सीट से अरविंद सावंत को टिकट दिया है।