राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए अतिरिक्त समय ना मिलने के बाद शिवसेना ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शिवसेना ने अपने नेता अनिल परब के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें राज्यपाल के आदेशों को रद्द करने की मांग की गई है। इसके साथ ही शिवसेना ने राज्य में सरकार बनाने की कोशिशो को भी जारी रखने के बात कही है।शिवसेना का राज्यपाल पर आरोप है कि बीजेपी के इशारे पर जल्दबाजी में फैसला लिया गया । वहीं, राज्यपाल ने रिपोर्ट में कहा है कि राज्य में संविधान के मुताबिक सरकार बनने के आसार नहीं दिखने पर ये फैसला लिया गया।
शिवसेना का कहना है कि राज्यपाल ने बीजेपी को यह बताने के लिए 48 घंटे का समय दिया कि क्या वह सरकार बना सकती है, लेकिन समर्थन पत्र हासिल करने के लिए शिवसेना को सिर्फ 24 घंटे का समय दिया। शिवसेना ने राज्यपाल से मुलाकात कर और तीन दिनों का समय देने की मांग की थी, हालांकी शिवसेना की इस मांग को राज्यपाल ने खारीज कर दिया। शिवसेना ने याचिका में कहा है कि राज्यपाल ने इस मामले में फास्ट फार्वड तरीके से काम किया है. राज्यपाल का शिवसेना को वक्त न देने का 11 नवंबर का फैसला अंसवैधानिक, मनमाना, अवैध और समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
कांग्रेस और एनसीपी से भी बात
शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुे कहा की अभी शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस में बातचीत चल रही है। शिवसेना ने राज्यपाल को बताया था की शिवसेना को कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन मिला है, और विधायको की चिठ्ठी देने के लिए शिवसेना को तीन दिनों का समय चाहिये लेकिन शिवसेना के इस मांग को राज्यपाल ने खारीज कर दिया।
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