दिंडोशी विधानसभा सीट से इस बार भी काटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ एलसीपी से विद्या चव्हाण इस सीट से चुनाव लड़ रही है तो वही दूसरी ओर शिवसेना ने सुनील प्रभू फिर से एक बार जीत का भरोसा लिया आगे बढ़ रहे है। विद्या चव्हाण एनसीपी की बड़ी नेताओं में से एक मानी जाती है, विद्या चव्हाण मौजूदा समय में एनसीपी से विधायक है। दिंडोशी विधानसभा सीट से फिलहाल 10 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है। सुनील प्रभु और विद्या चव्हाण के अलावा इस विधानसभा सीट से आप पार्टी के दिलीप तावड़े, मनसे के अरुण सुर्वे, बसपा के अमित स्वामी सहीत कई और उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है।
2009 के विधानसभा चुनाव में इस इलाके से कांग्रेस के राजहंस सिंह विजयी हुए थे जबकी साल 2014 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के सुनील प्रभु यहां से विजयी हुई। मौजूदा समय में शिवसेना और बीजेपी के साथ साथ लड़ने के कारण इस इलाके से सुनील प्रभु के जीतने के आसार फिर से एक बार बढ़ गई है।
2014 में किस पार्टी को कितने वोट
साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना के सुनील प्रभु को 56,577, कांग्रेस के राजहंस सिंह को 36,749, बीजेपी के मोहित कंबोज को 36,169, मनसे की शामिनी ठाकरे को 14,662 और एनसीपी के अजित रावराने को 8,550 वोट मिले। साल 2014 का विधानसभा चुनाव बीजेपी , शिवसेना , कांग्रेस और एनसीपी ने अलग अलग लड़ा था। हालांकी इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस -एनसीपी और बीजेपी - शिवसेना साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।
2009 में किस पार्टी को कितने वोट
साल 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के राजहंस सिंह को 46,278, शिवसेना के सुनील प्रभु को 40,413, मनसे की शालिनी ठाकरे को 39,587 वोट मिले थे। साल 2009 का विधानसभा चुनाव बीजेपी , शिवसेना , कांग्रेस और एनसीपी ने साथ मिलकर लड़ा था।
क्या है इलाके की मुख्य समस्याएं
दिंडोशी इलाके में खेलने के मैदान , ट्रैफिक , गैर कानूनी निर्माणकार्य जैसी कई समस्याएं मुख्य रुप से है। इसके साथ ही इलाके में अवैध झोपड़ट्टियां और दुकानें भी एक बड़ी समस्या है। आरे समस्या भी इस इलाके में काफी बड़ी समस्या मानी जा रही है।
दिडोशी विधानसभा में कुल 297492 मतदाता है जिसमें से 175247 पुरुष मतदाता और 122245 महिला मतदाता है।