दिशा कानून (Disha law) को कैबिनेट (Maharashtra cabinet) ने मंजूरी दे दी है। राज्य में दिशा अधिनियम के पारित होने से महिलाओं के लिए एक बड़ा सुरक्षा जाल तैयार हो गया है। इसके साथ ही सीआरपी क्लॉज में बदलाव पर चर्चा की गई थी। इसके अनुसार, आजीवन कारावास अब मौत की सजा होगी। इस अधिनियम को दिशा अधिनियम 'पावर बिल' कहा जाएगा। कानून के मुताबिक, अब आरोपियों को फास्ट ट्रैक पर सजा दी जाएगी।
शक्ति अधिनियम (Shakti law) के मुख्य प्रावधान
बलात्कार के मामलों में गैर-जमानती अपराध, दुर्लभ मामलों में आजीवन कारावास या मौत की सजा का प्रावधान
किसी परिचित द्वारा बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास या मौत की सजा का प्रावधान
महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान
16 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ अत्याचार के मामले में आजीवन कारावास
गैंगरेप - 20 साल के सश्रम कारावास या आजीवन कारावास की सजा , 10 लाख रुपये तक का जुर्माना या मृत्युदंड
16 साल से कम उम्र की लड़की से सामूहिक बलात्कार के लिए आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये का जुर्माना
12 साल से कम उम्र की लड़की की मौत तक कठोर आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये का जुर्माना
महिलाओं को बार-बार गाली देने वाले अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाएगी
सभी अपराध गैर-जमानती होंगे
सरकारी कर्मचारी बलात्कार के मामले में जांच में सहयोग नहीं करता है उसे दो साल तक की कैद और जुर्माना होगा
एसिड अटैक में न्यूनतम 10 साल या आजीवन कारावास और जुर्माने से दंडनीय है।
तेजाब फेंकने के प्रयास में 10 से 14 साल की कैद
एसिड अटैक एक गैर-जमानती अपराध है
कम से कम दो साल की कैद और जुर्माना
सोशल मीडिया, मेल, मैसेज, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से महिलाओं पर टिप्पणी करना , गलत सूचना देना, गलत सूचना फैलाने पर भो सजा
आंध्र प्रदेश में दिशा अधिनियम के लागू होने के बाद से महाराष्ट्र में भी इस तरह का कानून लाने पर चर्चा चल रही थी। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ आंध्र प्रदेश गए थे ताकि दिसा अधिनियम के बारे में जानकरी ले सकें। कानून के लिए एक समिति भी बनाई गई थी। महाराष्ट्र में भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है।