Advertisement

गृहमंत्री अमित शाह के किस बयान से आग बबूला हुए उद्धव ठाकरे

मातोश्री में बंद कमरे में हुई बैठक में दिए गए आश्वासन से साफ मुकर जाने पर आग बबुला होकर कहा कि 'गृह मंत्री ने शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने संबंधी दिए गए बयान से मुकर कर यह साफ कर दिया है कि अमित शाह जैसे भाजपा नेता भी झूठ बोल सकते हैं।'

गृहमंत्री अमित शाह के किस बयान से आग बबूला हुए उद्धव ठाकरे
SHARES

महाराष्ट्र में इन दिनों बजट (budget session in maharashtra) सत्र जारी है। बजट सत्र शुरु होने से पहले राज्यपाल (governor) के अभिभाषण पर हुई चर्चा के बाद उत्तर देते समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने बहुत जोरदार भाषण दिया। इस भाषण में मुख्यमंत्री ने देश के गृहमंत्री अमित शाह ( home minister amit shah) राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तथा राज्य विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस (devendra fadnavis) पर निशाना तो साधा ही साथ ही शिवसेना (shiv sena) तथा भाजपा (bjp) के हिंदुत्व में किस तरह का अंतर है, इसे भी परिभाषित किया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में हुई केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा महाराष्ट्र की तीन दलों की सरकार पर किए गए कटाक्ष का जो जोरदार उत्तर दिया। मुख्यमंत्री ने अपने इस भाषण में अपने निवास स्थान मातोश्री में बंद कमरे में हुई बैठक में दिए गए आश्वासन से साफ मुकर जाने पर आग बबुला होकर कहा कि 'गृह मंत्री ने शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने संबंधी दिए गए बयान से मुकर कर यह साफ कर दिया है कि अमित शाह जैसे भाजपा नेता भी झूठ बोल सकते हैं।'

सिंधुदुर्ग में नारायण राणे (narayan rane) द्वारा बनवाए गए मेडिकल कॉलेज ने उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमति शाह ने राज्य की महाविकास आघाडी (mahavikas aghadi सरकार को तीन पहिए वाल रिक्शा कहा था। केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यह कटाक्ष मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कितना चुभा है, वह उनके बयान से साफ हो गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकदम शिवसेना (shiv sena) स्टाइल में भाजपा तथा अमित शाह को आड़े हाथ लिया। भाजपा  को हिंदुत्व के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे ने अच्छी तरह से फटकारा। मुख्यमंत्री ने अपने अंदाज में भाजपा तथा अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि आप लोगों ने शिवसेना प्रमुख बाल साहेब ठाकरे के प्रति आदर रखा, इसके प्रति मैं आभारी हूं , लेकिन आपको अभी ही बाला साहेब के प्रति इतना मोह क्यों हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने बीते दिनों की याद करते हुए कहा कि 'जब मेरी मतोश्री में बाला साहेब के कमरे में अमित शाह से चर्चा हुई थी तो देवेंद्र फडणवीस को कमरे के बाहर खड़ा रखा गया था। कमरे के अंदर सिर्फ मैं और अमित शाह ही थे। बंद कमरे में हुई चर्चा को बाहर आकर गलत तरीके से पेश किया गया।' शिवसेना प्रमुख ने इस बात पर बेहद अफसोस व्यक्त किया कि बंद कमरे में हुई चर्चा को कमरे से बाहर आकर गलत तरीके से पेश करना ही क्या भाजपा का हिंदुत्व है। क्या यहीं भाजपा का शिवसेना प्रमुख बाला ठाकरे ने प्रति प्रेम है?। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि 2014 जब भाजपा ने शिवसेना से गठबंधन तोड़ा, तब भी हम हिंदु थे, आज भी हैं और कल भी रहेंगे।'

उद्धव ठाकरे ने भाजपा नेताओं को घेरते हुए कहा कि आप लोग बार-बार बाल ठाकरे को याद करते हैं, उन्हें भूले नहीं, इसके लिए भाजपा के सभी नेता धन्यवाद से पात्र हैं। शिवसेना प्रमुख ने जिन हिंदुत्व को प्रस्थापित किया, उस हिंदुत्व को भाजपा न भूले, ऐसी बात भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कही। अयोध्या में बाबरी मस्जिद (babari maszid ayodhya) के विध्वंस करते समय हो हल्ला मचाने वाले भाग गए, वहां केवल बाल ठाकरे (bal thackeray) ही अमत तक डटे रहे थे, इस बात को भाजपा नेताओं को सदैव याद रखना होगा। उद्धव ठाकरे ने अपनी वाणी को यही विराम नहीं दिया, उन्होंने कहा कि शिवसेना प्रमुख ने उस वक्त कहा था कि मरे शिवसैनिकों ने बाबरी मस्जिद गिरायी, इस पर मुझे गर्व है। उस वक्त भाजपा नेताओं ने यह बात खुलकर स्वीकार की थी कि बाबरी मस्जिद हमने नहीं गिरायी। राम मंदिर के निर्माण का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के कारण साफ हुआ है और राम मंदिर के लिए घर-घर पैसे मांगे जा रही हैं।

 मुख्यमंत्री की ओर से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बारे में दिए गए बयान पर भाजपा नेता तथा राज्य के पूर्व वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार (sudhir mungantiwar) ने आपत्ति हुई, लेकिन उस आपत्ति को नजरअंदाज कर दिया गया।राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते समय विधानसभा विरोधी पक्षनेता देवेंद्र फडणवीस ने अपने मैराथन भाषण में राज्य की महाविकास आघाड़ी की सरकार पर चौतरफा हमला किया। इस कारण पहले से ही सदन का वातावरण गर्म था, ऐसे में जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के भाषण के दौरान हो हल्ला मचाया गया तो संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब (anil parab) ने इस पर जोरदार आपत्ति उठायी। इस पर विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने खेद व्यक्त किया।

राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा के बाद जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उत्तर दे रहे थे तो विपक्ष के कुछ सदस्यों ने सभागृह में हंगाम मचाया। इस हगामे में मुख्यमंत्री ने नाम से पहले सम्मान जनक नाम नहीं लगाया गया, इससे हंगामा और ज्यादा बढ़ गया। सत्ता पक्ष के भी कुछ सदस्यों ने इस पर आपत्ति उठायी। हंगामे के कारण मुख्यमंत्री ने अपना भाषण बीच में ही रोका। मुख्यमंत्री जैसे जैसे ही रुके संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब ने विपक्षी नेताओं की इस हरकत पर आपत्ति उठायी। विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस,  सुधीर मुनगंटीवार तथा आशीष शेलार  में से किसी के भी भाषण में सत्ताधारी पार्टियों के नेताओं की ओर से कोई आपत्ति नहीं उठायी गई, इसलिए यह उम्मीद की जा रही थी कि मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान भी विपक्ष की ओर से कोई व्यवधान नहीं किया जाएगा।

अनिल परब ने विपक्षी नेताओं पर यह आरोप लगाया कि उसके नेता मुख्यमंत्री के नाम से साथ सम्मानजनक शब्द नहीं जोड़ रहे, यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है। इस पर आशीष शेलार ने अपने आसन पर बैठे-बैठे सदस्यों को शांत रहने का आह्वान किया, इसके बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री  देवेंद्र फडणवीस ने तत्काल इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के लिए सम्मान जनक शब्द का उल्लेख नहीं किया गया होगा तो मैं इस बारे में क्षमा मागता हुआ। देवेंद्र फडणवीस की क्षमा याचना के बाद मुख्यमंत्री का भाषण आगे शुरु हुआ। मुख्यमंत्री ने सभागृह में गुजरात के सरदार पटेल स्टेडियम (sardar patel stadiam) का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी (narendra modi) करने पऱ भी तंज कसा। इस दौरान औरंगाबाद नामांतरण पर चर्चा करते समय मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल उठाया कि स्वातंत्र्य वीर  सावरकर को अभी तक देश का सर्वोच्च नागरी सम्मान क्यों दिया. गया? कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के भाषण में भाजपा पर निकाला गया गुस्सा यह बता रहा है कि शिवसेना-भाजपा के बीच की दूरियां अभी-भी कम नहीं हुई हैं, इसलिए अगर यह कहा कि दरार अभी-भी है बरकरार तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, यह उनके अपने विचार है।)  

संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें