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महाराष्ट्र सहकारी बैंक और PMC का विलय संभव नहीं, MVA मांगे माफ़ी - किरीट सोमैया

सोमैया ने कहा, सरकार ने प्रचार पाने के लिए ऐसी झूठी घोषणा की थी। महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक को अभी तक ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं मिला है।

महाराष्ट्र सहकारी बैंक और PMC का विलय संभव नहीं, MVA मांगे माफ़ी - किरीट सोमैया
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बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने उद्धव ठाकरे की महाविकास आघाड़ी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, महाविकास आघाड़ी सरकार पंजाब महाराष्ट्र सहकारी (PMC) बैंक के लाखों खाताधारकों को फंसाने का काम कर रही है। किरीट सोमैया ने कहा कि, अभी हाल ही में उद्धव ठाकरे की सरकार के मंत्री और NCP नेता जयंत पाटिल ने कहा था कि PMC ग्राहकों की सिक्युरिटी के लिए पंजाब महाराष्ट्र सहकारी बैंक और PMC का आपस में विलय कराया जाएगा। सोमैया के मुताबिक, ऐसा वास्तविकता में संभव ही नहीं है, उन्होंने बैंक के अधिकारियों से भी इस बाबत बात की है।

सोमैया का आरोप
एक बयान जारी करते हुए किरीट सोमैया ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, सरकार ने PMC बैंक के लाखो  खाताधारकों को यह कहते हुए आशा जगाई थी कि CMO ने PMC बैंक और महाराष्ट्र सहकारी बैंक के अधिकारियों से बात की। और जल्द ही PMC बैंक और महाराष्ट्र सहकारी बैंक का आपस में विलय कर दिया जाएगा। जिसके बाद  PMC बैंक के 18 लाख खाताधारकों को राहत मिलने का आश्वासन सरकार की तरफ से दिया गया था।

किरीट सोमैया ने राज्य सरकार के इस फैसले की हवा निकालते हुए कहा कि, वास्तव में ऐसा संभव ही नहीं है। सोमैया ने कहा, सरकार ने प्रचार पाने के लिए ऐसी झूठी घोषणा की थी। महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक को अभी तक ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं मिला है। महाराष्ट्र सहकारी बैंक की ऎसी क्षमता है नहीं कि वह PMC का विलय कर ले। इस काम के लिए 5000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

भजापा नेता ने आगे कहा कि, मैंने इसी मुद्दे पर महाराष्ट्र सहकारी बैंक और रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के भी अधिकारीयों से बात की, सभी ने कहा कि, दोनों बैंकों का विलीनिकरण संभव नहीं है।

सोमैया ने मांग की है कि, MC बैंक के लाखो खाताधारकों से झूठ बोलने के लिए जयंत पाटिल और महाविकास आघाड़ी सरकार को सार्वजनिक रूप से मागी मांगनी चाहिए।

आपको बता दें कि किरीट सोमैया और शिव सेना की दुश्मनी जगजाहिर है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने किरीट सोमैया को टिकट दिया था, लेकिन शिव सेना के विरोध के कारण बीजेपी को किरीट की उम्मीदवारी रद्द करनी पड़ी। उस समय बीजेपी और शिव सेना एक साथ थे। शिव सेना सोमैया से इसलिए नाराज थी क्योंकि सोमैया ने बीएमसी के कई घोटाले उजागर किये हैं।

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