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ऐसे नेता जो नगरसेवक से बने विधायक, लेकिन नगरसेवक वाला ले रहे हैं लाभ

यह जानकारी मनपा सचिव विभाग की ओर से आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी गई है।

ऐसे नेता जो नगरसेवक से बने विधायक, लेकिन नगरसेवक वाला ले रहे हैं लाभ
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नैतिक रूप से यह अपेक्षा की जाती है कि जनता द्वारा चुने गए जो प्रतिनिधि बीएमसी (BMC) प्रशासन में नगरसेवक (corporator) हैं वे विधायक (mla) और सांसद (mp) बनने के बाद उस पद से इस्तीफा दे दें या फिर नगरसेवक पद का मानदेय नहीं ले। बावजूद इसके नगरसेवक से विधायक बने पराग शाह (parag shah), रईस शेख (raees shaikh) और दिलीप लांडे (dilip pande) विधायकी के साथ साथ नगरसेवक के पद का भी मानदेय भी ले रहे हैं। यह जानकारी मनपा सचिव विभाग की ओर से आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली (rti activist anil galgali) को दी गई है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा सचिव कार्यालय से जानकारी मांगी थी कि, वर्तमान में विधायक और सांसद बन चुके नगरसेवक का नाम, वेतन और भत्ते का खुलासा किया जाए, अगर वह कुल राशि नहीं ले रहे हैं।

जिसके जवाब में मनपा सचिव ने अनिल गलगली को बताया कि नगरसेवक से सांसद बने बीजेपी के मनोज कोटक (manoj kotak) और विधायक रमेश कोरगांवकर (ramesh korganvkar) मानदेय नहीं ले रहे हैं। जबकि विधायक रईस शेख, पराग शाह और दिलीप लांडे 25000/- मानदेय एवं ऐसी चार बैठकों के लिए 150/- भत्ता आज भी ले रहे हैं।

इस मुद्दे पर अनिल गलगली ने कहा कि, जब कोई नगरसेवक, विधायक या सांसद बनता है तो राजनीतिक दल को उनसे नगरसेवक के लिए उस सीट से इस्तीफा ले लेना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से किसी भी राजनीतिक दल यह फैसला करता नहीं दिखाई देता है। ऐसे में न्यूनतम मानदेय न लेने का निर्देश देना जरूरी है।

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