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भाजपा अध्यक्ष ने राज ठाकरे से की मुलाकात, BMC इलेक्शन में गठबंधन से किया इनकार

उन्होंने कहा, राज ठाकरे ने मुझे एक वीडियो क्लिप भेजा था, जिसमें वे परप्रांतियों की एक सभा में भाषण दे रहे हैं। यह वीडियो क्लिप उत्तर भारतीयों में काफी वायरल हुआ था। उस वीडियो को लेकर मेरे मन में कुछ सवाल थे। उस पर चर्चा हुई।

भाजपा अध्यक्ष ने राज ठाकरे से की मुलाकात, BMC इलेक्शन में गठबंधन से किया इनकार
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भारतीय जनता पार्टी (bjp) के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (chandrakant patil) ने आज महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (mns) के अध्यक्ष राज ठाकरे (raj thackeray) से मुंबई के दादर में उनके कृष्णकुंजी आवास पर मुलाकात की। कयास लगाए गए कि आगामी BMC इलेक्शन में मनसे और बीजेपी (bjp-mns alliance) पार्टियां साथ आकर चुनाव लड़ सकती हैं। लेकिन इस बात का खंडन करते हुए खुद ही पाटिल ने मुंबई नगर निगम चुनाव (bmc election) में मनसे-भाजपा गठबंधन की संभावना से इनकार किया।

चंद्रकांत पाटिल ने कहा, "हर चीज का एक समय होता है और मैं इसमें विश्वास करता हूं। हम दोनों जब नासिक में थे, एक दिन संयोग से हमारी मुलाकात हो गई। उस वक्त हमारी सिर्फ 10 मिनट बात हुई थी। जब मैं मुंबई आया तो राज ने मुझे घर आने के लिए आमंत्रित किया था। राज और मैं एक दूसरे को छात्र संघ में काम करने के समय से जानते हैं। लेकिन मिलने का योग कभी नहीं बना। इसलिए मैंने अब राज से मुलाकात की।

मुलाकात के दौरान किन विषयों पर चर्चा हुई, इस सवाल का जवाब देते हुए चंद्रकांत पाटिल ने कहा, जब दो राजनीतिक नेता चाय के बहाने मिलते हैं, तो राजनीतिक चर्चा होती है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन यह दौरा गठबंधन पर बात करने के लिए नहीं था। लेकिन मैं राज ठाकरे की भूमिका को समझना चाहता था। 

राज ठाकरे ने मुझे एक वीडियो क्लिप भेजा था, जिसमें वे परप्रांतियों की एक सभा में भाषण दे रहे हैं। यह वीडियो क्लिप उत्तर भारतीयों में काफी वायरल हुआ था। उस वीडियो को लेकर मेरे मन में कुछ सवाल थे। उस पर चर्चा हुई। उन्होंने मुझे उत्तर भारतीयों और महाराष्ट्र के लोगों को लेकर अपनी भूमिका के बारे में बताया।

पाटिल ने आगे कहा कि, राज का यही कहना है कि, जैसे शिवसेना (shiv sena) कभी मुंबई में नोकरी के लिए आने वाले दक्षिण भारतीयों का विरोध करती थी। लेकिन जैसे-जैसे उनका यहां आना कम हुआ वैसे-वैसे विरोध भी कम होता गया। तो उसी तरह से उत्तर भारत केे राज्य में सरकार को ज्यादा से ज्यादा बुनियादी ढांचे का निर्माण करना चाहिए ताकि वहां के लोगों को काम के लिए दूसरे राज्यों में न जाना पड़े। महाराष्ट्र में यहां के निवासियों को नौकरियों में 80 प्रतिशत आरक्षण होना चाहिए, वैसे ही उत्तर भारत के राज्यों में वहां के लिए आरक्षण होना चाहिए, बस मेरी भूमिका वही है। हम किसी से नफरत नहीं करते हैं।"

पाटिल ने कहा, मेरी राय में राज ठाकरे राज्य के एक महत्वपूर्ण नेता हैं। कई मुद्दों पर उनकी राय मजबूत होती है, इसलिए लोग चाहते हैं कि उनके विचार महाराष्ट्र के विकास में योगदान दें। राज ठाकरे या मनसे को लेकर जो नकारात्मक धारणा बनाई गई है, उसे बदला जाना चाहिए। इस नकारात्मकता से छुटकारा पाने के लिए मुझे लगता है कि उन्हें और अधिक बलपूर्वक बोलना चाहिए, यह उनके कार्यों में परिलक्षित होना चाहिए।

उन्होंने कहा, यह दौरा सिर्फ एक दूसरे की भूमिका को समझने के लिए था। चंद्रकांत पाटिल ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि इस बैठक में भाजपा-मनसे गठबंधन का कोई प्रस्ताव नहीं था।

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