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BJP और शिव सेना दोनों सत्ता में हैं तो अभी तक औरंगाबाद जिले के नाम क्यों नहीं बदला गया- राज ठाकरे

बीजेपी, इस मुद्दे को लेकर लगातार शिव सेना को घेरने की कोशिश कर रही है। BJP, कांग्रेस और एनसीपी के डर से अपना नाम नहीं बदलने के लिए शिवसेना की लगातार आलोचना कर रही है।

BJP और शिव सेना दोनों सत्ता में हैं तो अभी तक औरंगाबाद जिले के नाम क्यों नहीं बदला गया- राज ठाकरे
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महाराष्ट्र (maharashtra) के औरंगाबाद (aurngabad) जिले का नाम बदलने को लेकर जहां BJP और शिव सेना (shiv sena) आमने सामने हैं तो वहीं इस मुद्दे पर अब मनसे (mns) भी कूद गई है। मनसे ने शिव सेना और BJP दोनों पर निशाना साधा है और कहा है कि, BJP की सरकार केंद्र में है और शिव सेना की सरकार राज्य में है, तो अभी तक औरंगाबाद जिले का नामकरण क्यों नहीं बदला गया।

शनिवार को राज ठाकरे (raj thackeray= मीडिया से बात कर रहे थे, पत्रकारों ने जब उनसे औरंगाबाद के नाम बदलने को लेकर सवाल किया तो राज ठाकरे ने कहा कि, 'भाजपा (bjp) और शिवसेना दोनों दलों ने नाम बदलने का मुद्दा तभी उठाया है जब औरंगाबाद नगर निगम का चुनाव सामने आता है। यह मुद्दा केवल एक दूसरे को केवल शह और मात देने के लिए ये दोनों पार्टियां उठाती हैं।'

मनसे अध्यक्ष ने कहा कि, 'जब केंद्र और राज्यों में बीजेपी और शिवसेना सत्ता में थे, तब औरंगाबाद का नाम बदलकर 'संभाजी नगर' क्यों नहीं किया गया? देश के कई शहरों, दिल्ली की कई सड़कों का नाम बदल दिया गया है। लेकिन औरंगाबाद आज तक संभाजी नगर क्यों नहीं बना? बीजेपी-शिवसेना को इसका जवाब देना चाहिए। राज्य में शिवसेना सत्ता में है और केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए यह एक बड़ी समस्या नहीं होनी चाहिए।'

बता दें कि, महाविकास आघाड़ी सरकार (mba government) की घटक दलों कांग्रेस (congress) और एनसीपी (ncp) ने इस नामकरण मुद्दे पर नाराजगी जताई है। अभी हाल ही में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट (balasaheb throat) ने मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से औरंगाबाद जिले के नाम के बदले संभाजीनगर नाम से उल्लेख होने के कारण नाराजगी व्यक्त की थी।

इस बारे में थोराट ने कहा था कि, महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत चलती है। हम सामाजिक सद्भाव के लिए किसी भी शहर के नाम बदलने का कड़ा विरोध करते हैं।'

बीजेपी, इस मुद्दे को लेकर लगातार शिव सेना को घेरने की कोशिश कर रही है। BJP, कांग्रेस और एनसीपी के डर से अपना नाम नहीं बदलने के लिए शिवसेना की लगातार आलोचना कर रही है।

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