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सर्वदलिय बैठक के बाद भी राज ठाकरे 3 तारीख के अल्टीमेटम पर कायम

गृह मंत्री दिलीप वालसे-पाटिल ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक में मनसे नेता बाला नंदगांवकर भी मौजूद थे।

सर्वदलिय बैठक के बाद भी राज ठाकरे 3 तारीख के अल्टीमेटम पर कायम
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मनसे प्रमुख राज ठाकरे (MNS CHIEF RAJ THACKERAY) के मस्जिदो से स्पीकर हटाने के 3 मई तक के अल्टीमेटम के बाद राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने राज्य के सभी पार्टियों के साथ एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया था। हालांकी इस बैठक के बाद भी राज ठाकरे अपने 3 तारीख के अल्टीमेटम पर कायम है।  सर्वदलीय बैठक में राज ठाकरे मौजूद नहीं थे हालांकी उनकी जगह बाला नांदगांवकर बैठक में शामिल थे। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने भी इस बैठक का बहिष्कार किया था। 

बैठक के बाद गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा की "जब से सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में लाउडस्पीकरों के संबंध में फैसला सुनाया, यह पूरे देश में लागू है। इसलिए, यदि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर कुछ निर्णय लेती है और इसे पूरे देश में लागू करती है, तो राज्यों में स्थिति अलग नहीं होगी। यदि आवश्यक हो, तो सभी दलों को केंद्रीय नेताओं से मिलने और अपनी भूमिका स्पष्ट करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल बुलाना चाहिए, ”

मनसे नेता बाला नंदगांवकर ने घोषणा की है कि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा 3 मई को दिया गया अल्टीमेटम दिलीप वलसे पाटिल द्वारा राज्य सरकार की भूमिका प्रस्तुत करने के बाद भी जारी है।   बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बाला नंदगांवकर ने कहा कि राज ठाकरे द्वारा 3 मई तक दिया गया अल्टीमेटम पक्का है।  

नांदगांवकर ने कहा की "हम सभी पार्टी नेताओं की बैठक में शामिल हुए। हम अपनी स्थिति पर अडिग हैं,  सरकार को तय करना चाहिए कि गाइडलाइंस कैसी होनी चाहिए,  3 मई का हमारा अल्टीमेटम अभी भी मान्य है,राज ठाकरे ने महाविकास अघाड़ी सरकार को मस्जिदों पर लगे सींगों को हटाने के लिए 3 मई तक का अल्टीमेटम भी दिया है,  राज्य सरकार ने मस्जिदों से  भौंगो को नहीं हटाया तो मनसैनिकों लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाएंगे"

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