चॉल के निवासियों की मांग है कि मुंबई सेंट्रल में स्थित बीआईटी चॉल का पुनर्विकास बीडीडी चॉल की तर्ज पर किया जाए और इसके लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को नीति निर्धारित कर टेंडर जारी करने चाहिए। इस बीच, उन्होंने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
मुंबई सेंट्रल में स्थित बीआईटी की 19 इमारतों के पुनर्विकास के प्रयास 2006 से चल रहे हैं। लेकिन अब तक इसमें कई विवाद पैदा हो चुके हैं। इसलिए इन चॉलों का पुनर्विकास कई सालों से रुका हुआ है। इस चॉल समूह में निवासियों के दो संगठन हैं, जिनमें से निवासियों के संगठन बीआईटी चॉल सेवा संघ ने हाल ही में विरोध प्रदर्शन किया है और चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
मुंबई में स्थित सभी बीआईटी चॉलों के 100 साल पूरे हो चुके हैं, इसलिए निवासियों ने मांग की है कि बीआईटी चॉलों का पुनर्विकास बीडीडी चॉलों की पुनर्विकास नीति के अनुसार किया जाना चाहिए। इस संगठन ने पुराने सहमति पत्र दिखाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। चाल के निवासी पिछले कई महीनों से मांग कर रहे हैं कि नगर निगम प्रशासन खुद ही टेंडर आमंत्रित करे और डेवलपर का चयन करे। लेकिन नगर निगम प्रशासन द्वारा इस पर ध्यान न दिए जाने के कारण चाल के निवासियों ने यह रुख अपनाया है।
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