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BMC election से पहले मुंबई के अनलॉक की घोषणा, क्या यह सही समय है?

अनलॉक को लेकन क्या मुंबई तैयार है? या फिर यह कहे कि क्या सरकार की तरफ से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है?

BMC election से पहले मुंबई के अनलॉक की घोषणा, क्या यह सही समय है?
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महाराष्ट्र सरकार (maharashtra government) आम आदमी को बीएमसी चुनाव (BMC election 2022) से पहले मुंबई को टोटल अनलॉक (mumbai unlock) करने का तोहफा दे सकती है। मुंबई की महापौर किशोरी पेडणेकर (kishori pednekar) द्वारा फरवरी महीने के अंतिम सप्ताह में मुंबई को संपूर्ण अनलॉक करने की बात कही गई थी। ।

कहा जा रहा है कि अनलॉक की प्रकिया फरवरी के अंतिम सप्ताह से शुरू हो सकती है। इसे लेकर आला अधिकारियों और संबंधित विभागों और मंत्रियों के बीच आपस में विचार विमर्श चल रहा है। मेयर की घोषणा के बाद अनलॉक की प्रक्रिया को लेकर शायद अभी ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा हो? सरकार की तरफ से अभी कोई हड़बड़ी नहीं दिखाई दे रही है। हर कदम फूंक-फूंक कर रखा जा रहा है। ढील भी चरण दर चरण दिया जा रहा है। लेकिन अनलॉक को लेकन क्या मुंबई तैयार है? या फिर यह कहे कि क्या सरकार की तरफ से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है?

विशेषज्ञ हैं असहमत  

जहां यह खबर आम लोगों के लिए खुशी देने वाली है तो वहीं, इसे लेकर कोरोना विशेषज्ञों ने अपने स्तर पर चर्चा करनी शुरू कर दी है। महापौर की घोषणा से कई लोग असहमत भी हैं। अब चर्चा इस बात की है कि मुंबई अनलॉक के लिए कितनी तैयार है? भले ही मुंबई सहित महाराष्ट्र में कोरोना के केस कम आ रहे हैं, भले ही रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है, भले ही कंटेनमेंट जोन की संख्या कम हो रही है, बावजूद इसके अभी भी विशेषज्ञ पूरी तरह से अनलॉक के पक्ष में नहीं हैं।

केरल का उदाहरण सामने

कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (omicron) की संक्रमण दर काफी अधिक है, भले ही यह खतरनाक नहीं है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना और ओमीक्रॉन से अभी भी मौतें हो रही हैं। केरल (kerala) का उदाहरण हमारे सामने है। जहां अभी भी हर दिन हजारों की संख्या में कोरोना (corona car in kerala) के केस सामने आ रहे हैं, और मरने वालों का भी आंकड़ा कम नहीं हो रहा है।

क्या होगा स्लम इलाकों का? 

मुंबई की 70 फीसदी जनसंख्या स्लम इलाके में रहती है। स्लम इलाके में कोरोना टेस्ट (slum area) कितना हुआ है, इसे सभी जानते हैं। स्लम इलाके में स्थित दवाखानों में भीड़ लगी हुई है।जहां लोग आम दवाइयां खाकर ही काम चला रहे हैं। अगर स्लम इलाकों में भी टेस्टिंग हो तो अपने आप पिक्चर क्लियर हो जाएगी। मुंबई का के/वेस्ट इलाका अभी भी टॉप पर बना हुआ है, जहां सबसे अधिक कोरोना के केस सामने आये हैं। लेकिन यहां से जो केस सामने आर रहे हैं वो हाईराइज बिल्डिंग से सामने आ रहे हैं, क्योंकि यहां टेस्टिंग लगातार चलती रहती है।

बूस्टर डोज अभी दूर की कौड़ी

इस बारे में एक बात और कही जा रही है कि अधिकांश लोगों ने कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) की दोनों डोज लगवा ली है, हर्ड इम्युनिटी भी तैयार हो चुकी है, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो, उस समय क्या होगा जब वैक्सीन का असर धीरे-धीरे कम हो जाएगा। इसे ही देखते सरकार ने बूस्टर डोज की भी तैयारी कर ली है। स्थिति भले ही उस स्तर पर नहीं पहुंची हो, लेकिन तैयारी करना अच्छी बात है, और बूस्टर डोज (booster dose) को लेकर जो समय निर्धारित की गयी है उसे भी लेकर मतभेद है।

जल्दबाजी हो सकती है खतरनाक?

खैर महापौर किशोरी पेडणेकर ने अनलॉक की बात कर तो दी है, शायद इसके पीछे की वजह आगामी मनपा चुनाव भी हो? यह तो राजनीति की बात है, लेकिन अनलॉक को लेकर अभी भी जानकारों का यही कहना है कि जल्दबाजी करना खतरनाक हो सकता है, इसलिए अभी थोड़ा और इंतजार करना चाहिए।

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