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महाराष्ट्र में संवैधानिक संकट: MVA तलाश रही है अन्य विकल्प

एमवीए और शिवसेना के नेता उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा के ऊपरी सदन में मनोनीत करने के लिए सभी विकल्प तलाश रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर शिवसेना नेता चुनाव आयोग से भी संपर्क करेंगे।

महाराष्ट्र में संवैधानिक संकट: MVA तलाश रही है अन्य विकल्प
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जैसे जैसे उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बने रहने की समय सीमा करीब आती जा रही है वैसे वैसे महाराष्ट्र विकास अगाड़ी (MVA) के नेताओं की सांसें फूल रही हैं।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, राज्य के शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य शीर्ष नेताओं सहित एमवीए नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल ने विधान परिषद के लिए उद्धव ठाकरे के नामांकन की मांग करते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने के लिए राजभवन का दौरा किया था।

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने अजीत पवार की अगुवाई में एक बैठक में राज्यपाल के कोटे के माध्यम से एमएलसी के रूप में उद्धव ठाकरे के नाम की सिफारिश की थी। कैबिनेट ने राज्यपाल कोश्यारी से विधान परिषद की खाली पड़ी दो सीटों में से एक पर उद्धव ठाकरे के नाम की सिफारिश की थी, ताकि महाराष्ट्र के इस संवैधानिक संकट को टाला जा सके।

राज्य मंत्रिमंडल चाहता है कि राज्यपाल कोश्यारी संवैधानिक संकट से राज्य को बचाने के लिए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को उनके कोटे से दो सीटों में से एक एमएलसी के रूप में नामित करें।  हालांकि, राज्यपाल ने अभी तक राज्य मंत्रिमंडल द्वारा की गई सिफारिश का अनुपालन नहीं किया है।

इसके साथ, एमवीए और शिवसेना के नेता उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा के ऊपरी सदन में मनोनीत करने के लिए सभी विकल्प तलाश रहे हैं।  इस मुद्दे को लेकर शिवसेना नेता चुनाव आयोग से भी संपर्क करेंगे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस बारे में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके उनसे विधान इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग भी की।

सूत्रों के मुताबिक बताया जाता है कि, शिवसेना के नेता कुछ दिनों तक इंतजार कर देखेंगे कि क्या उद्धव ठाकरे द्वारा पीएम मोदी को किए गए कॉल का राजभवन में कुछ प्रभाव पड़ा है या नहीं। इसके साथ ही शिवसेना के नेता इस मामले में और भी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।

आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी लेकिन वह किसी भी सदन - विधान सभा या परिषद के सदस्य नहीं हैं।  भारतीय संविधान के अनुसार, शपथ लेने के छह महीने के भीतर, किसी भी मंत्री को या तो राज्य विधान सभा या परिषद में चुना जाना चाहिए।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पद पर बने रहने की समय सीमा 27 मईतक ही है। चुनाव आयोग ने कोरोनो वायरस महामारी के मद्देनजर राज्यसभा और अन्य स्थानीय निकायों के लिए आगामी चुनाव स्थगित कर दिए हैं।

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