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राज्यपाल के पास कंगना रनौत से मिलने का समय है, लेकिन किसानों से नहीं - पवार

किसान नेता अशोक ढवले ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, सरकार ने यह तीन कानून अडाणी (adani) और अंबानी (ambani) को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए हैं,

राज्यपाल के पास कंगना रनौत से मिलने का समय है, लेकिन किसानों से नहीं - पवार
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मुंबई (mumbai) के आजाद मैदान (azad maidan) में आयोजित किसान आंदोलन (farmer protest) में NCP सुप्रीमों शरद पवार (sharad pawar) समेत महाराष्ट्र में सत्ताधारी महाविकास आघाड़ी (mahavikas aghadi) दल के तमाम बड़े नेता भी पहुंचें थे। इस मौके पर सभी नेताओं ने किसान बिल को लेकर केंद्र पर जमकर निशाना साधा।

राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी (governor bhagat singh koshyari) के गोवा (goa)  जाने पर शरद पवार ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा, राज्यपाल के लिए कंगना से मिलने का समय है, लेकिन किसानों से मिलने का समय नहीं है। इतिहास में महाराष्ट्र के ऐसा राज्यपाल नहीं मिला है।

केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के लगभग हजारों किसान पिछले दो महीने से दिल्ली सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को महाराष्ट्र में भी राज्य के हजारों किसान इस आंदोलन के समर्थन में संयुक्त शेतकरी- कामगार मोर्चा के नेतृत्व में मुंबई के आजाद मैदान में पहुंचे थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, शरद पवार ने कहा कि मुंबई ने देश की आजादी की लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाई है, मुंबई में मजदूर वर्ग एकजुट होकर महाराष्ट्र की मांग के लिए सड़कों पर उतरे थे, और इस बार भी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए महाराष्ट्र के कोने कोने से किसान मुंबई आए हैं। इस आंदोलन के माध्यम से किसानों द्वारा की गई जबरदस्त मेहनत और दी गई बलिदान के लिए उन्हें जितना धन्यवाद दिया जाए वह कम ही है।

शरद पवार ने आगे कहा, आप राज्यपाल को निवेदन देने के लिए आए हैं। राज्यपाल गोवा के लिए रवाना हो गए, राज्यपाल के पास कंगना रनौत (kangana ranaut) से मिलने का समय है। लेकिन किसानों से मिलने का समय नहीं है। इतिहास में महाराष्ट्र को ऐसा राज्यपाल नहीं मिला है।

NCP चीफ ने कहा, यह राज्यपाल की नैतिक जिम्मेदारी होती है और उनसे अपेक्षा की जाती है कि, राज्य के अन्नदाता उनसे मिलने के लिए आते हैं, तो उन्हें सामने आना चाहिए था। लेकिन उनमें कोई सभ्यता नहीं है। कम से कम उन्हें राजभवन में होना चाहिए था, लेकिन वे नहीं रुके।

इस आंदोलन में किसान नेता अशोक ढवले ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, सरकार ने यह तीन कानून अडाणी (adani) और अंबानी (ambani) को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए हैं, इसलिए सभी की अडानी और अंबानी के प्रोडक्ट खरीदना बंद कर देना चहिए, ताकि सरकार को किसान एकता का पता चल सके और वह इस कानून को वापस लेने के लिए मजबूर हो जाए।

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