एनसीपी (ncp) नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (anil deshmukh) पर भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच के घेरे में हैं। हालांकि, कहा जा रहा है कि देशमुख पूछताछ से बच रहे हैं क्योंकि वे ईडी के समन का जवाब नहीं दे रहे हैं। ईडी के मुताबिक देशमुख गायब हो गए हैं, उनका कोई आता पता नहीं है।
हालांकि इस बारे में खुद देशमुख का कहना है कि, वो खुद ईडी के सामने नहीं आ रहे हैं, जब सही समय आएगा वो खुद ईडी के सामने पेश हो जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा, ईडी ने मेरे परिवार की 4 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली है। जब्त की गई 4 करोड़ रुपये की संपत्ति में से मेरे बेटे ने 2006 में 2.67 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी थी। उस जमीन को भी ईडी ने जब्त की है। हालांकि कुछ लोग इसे 300 करोड़ रुपये का बताकर गलतफहमियां फैला रहे हैं। ईडी ने मुझे तलब किया था। समन के बाद मैंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट का जो भी नतीजा हो उसके बाद मैं ईडी के सामने अपना बयान दूंगा।
ईडीने मला कागदपत्रांसहीत उपस्थित रहावे असे दोन समन्स पाठविले आहे. मी ईडीला दोन सविस्तर पत्रे पाठवून मला 'ECIR' ची कॉपी द्यावी आणि त्यांना जी कागदपत्रे हवी आहेत त्यांची यादी द्यावी, अशी विनंती केली आहे. जेणेकरून मला या कागदपत्रांची जुळवाजुळव करून ती ईडीला पाठविता येईल. (१/२)
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) July 2, 2021
ईडी ने भ्रष्टाचार के एक मामले में देशमुख के पास से 4 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। रविवार को उनके आवास पर भी छापेमारी की गई थी। अनिल देशमुख को अब तक तीन बार तलब किया जा चुका है। हालांकि अनिल देशमुख तीन बार पूछताछ में जाने से बचते रहे। ईडी ने देशमुख की पत्नी और बेटे को भी तलब किया है।
बता दें कि, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (parsmbeer singh) ने आरोप लगाया था कि पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपये वसुलने का लक्ष्य दिया था। साथ ही अनिल देशमुख पर कई अधिकारियों के स्टाफ को भ्रष्ट तरीके से तबादला करने का भी आरोप लगा है।