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सरकार के प्रति बढ़ रहा असंतोष

मुख्यमंत्री पद पाने के लिए उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने जिन सिद्धांतों, रास्तों का आधार लिया, उस आधार को शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे कभी अंगीकार नहीं करते।

सरकार के प्रति बढ़ रहा असंतोष
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महाराष्ट्र की राजनीति (politics of Maharashtra) में कांग्रेस (congress) और राकांपा (NCP) की सत्ता शिवसेना-भाजपा (Shiv sena -BJP) के मुकाबले ज्यादा रही है। केंद्र और राज्य दोनों ही स्तर पर कांग्रेस को शिवसेना भाजपा की तुलना में  सत्ता का सुख ज्यादा मिला है। महाराष्ट्र में शिवसेना नेता मनोहर जोशी (manohar joshi) के नेतृत्व में पहली बार भगवा परचम लहराया तो दूसरी बार भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (devendra fadnavis) के नेतृत्व में भगवा झंडा लहराया। राज्य की जनता ने 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा-शिवसेना गठबंधन (BJP-shiv sena alliance) के पक्ष में मतदान किया था, लेकिन शिवसेना (shiv sena) ने मुख्यमंत्री पद की जिद्द में भाजपा से नाता तोड़कर राकांपा कांग्रेस से समर्थन लेकर महाविकास आघाडी (MVA) के बैनर तले सरकार बनायी और लोगों को बताया कि शिवसेना प्रमुख बाला साहब (balasaheb thackeray) की वह इच्छा पूरी हो गई है कि ठाकरे परिवार को कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री पद पर आसीन हो। लेकिन मुख्यमंत्री पद पाने के लिए उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने जिन सिद्धांतों, रास्तों का आधार लिया, उस आधार को शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे कभी अंगीकार नहीं करते। आज स्थिति यह हो गई है कि उद्धव सरकार के प्रति लोगों में असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। 

पहले कंगना राणावत (kangana ranaut) के पॉलीहिल क्षेत्र में स्थित कार्यालय पर मनपा का बुलडोजर चला और उसके बाद मुंबई के कांदिवली इलाके में कुछ शिवसैनिकों ने पूर्व तथा वरिष्ठ और सेवानिवृत्त नौ सेना अधिकारी मदन शर्मा पर हमला (shiv sena workers attack retired navy officer) कर दिया। क्या छत्रपति शिवाजी महाराज (shivaji maharaj) और शिवसेना प्रमुख बाला ठाकरे (bal thackeray) की चाहत के अनुसार वर्तमान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शिवसेना को संचालित कर पा रहे हैं। जिस वक्त बाला साहेब के हाथ में शिवसेना की कमान थी, उस वक्त शिवसेना की एक अलग, आक्रामण तथा हिंदुत्व (hindutva) की सजग प्रहरी के रूप में पहचान थी और आज की शिवसेना लाचार, विवश तथा दो सर्वथा विरोधी विचारधारा में अपनी प्रतिष्ठा तथा वैचारिक आधार को समाप्त करके सत्ता का सुख ले रही आज शिवसेना ने स्वयं को ही समाप्त करने का बीड़ा रखा है। 

सुशांत सिंह राजपूत (sushant singh rajput) की मृत्यु कांड, कंगना राणावत (kangana ranaut) के कार्यालय को ध्वस्त किए जाने में जिस तरह का की मनमानी शिवसेना ने की, उससे शिवसेना की सर्वत्र किरकिरी हो रही है। क्या किसी वरिष्ठ नागरिक पर हमला करना उचित है, कार्टून अभिव्यक्ति के सशक्त साधन रहा है। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे स्वयं कार्टून बनाकर अपनी बात रखते हैं, ऐसे में अगर किसी सेवानिवृत्त नौ सेना अधिकारी पर हमला करना क्या शिवसैनिकों को शोभा देता है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक  व्यंग्य चित्र वाट्सएप (whatsapp) पर फॉरवर्ड करने के कारण मुंबई के कांदिवली उपनगर में विगत दिनों सेवानिवृत्त नौदल अधिकारी मदन शर्मा पर शिवसैनिकों ने हमला किया। इस हमले के बाद छह शिवसैनिकों को गिरफ्तार भले ही किया गया हो, फिर भी इस घटना के बाद शिवसेना के खिलाफ भाजपा (BJP) की खुली जंग शुरु हो गई है। 

राज्य के भाजपा नेता शिवसेना के विरोध में ताल ठोंक कर खडे हैं। महाराष्ट्र में गुंडाराज शुरु है, ऐसी टिप्पणी भी भाजपा के एक नेता ने की है। मुंबई में मदन शर्मा नामक एक नौ दल अधिकारी पर हमला हुआ, उससे पहले अभिनेत्री कंगना राणावत के कार्यालय पर बुलडोजर चलाया गया। किसी मुद्दे पर अपनी बात उठाना या कोई कार्टून को वाट्स एप के जरिए फारवर्ड करने पर किया। वरिष्ठ पूर्व नौ सेना अधिकारी पर हमला करने जैसी घटना कम से कम बाला साहेब ठाकरे के दौर की शिवसेना में नहीं होती। शिवसैनिकों का कहना है कि जिस कार्टून के कारण नौ सेना अधिकारी को शिवसैनिकों ने अपना निशाना बनाया, उस कार्टून के माध्यम से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बदनाम करने की कोशिश की गई, इसलिए शिवसैनिकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचा और उन्होंने ने न आव देखा और न ताव एक बुजुर्ग सैनिक पर टूट पड़े। माना कि कार्टून के कारण मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की कोशिश की गई, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि जिसने व्यंग्य चित्र बनाया, उस पर लोग हमला कर दें। जिसके हाथ सत्ता की कमान है, अगर उसी पार्टी के कार्यकर्ता दिनदहाड़े किसी वरिष्ठ नागरिक पर हमला करें तो बात दूर तलक तो जाएगी ही। नौदल अधिकारी मदन शर्मा (madan sharma) पर हुए हमले के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (rajnath singh) ने शर्मा को फोन करके उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इस घटना को कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुंबई में भाजपा कार्यकर्ता ने सहायक पुलिस आयुक्तालय के बाहर ठिय्या आंदोलन किया और हमला करने वाले शिवसैनिकों के खिलाफ  गैर जमानती वारंट जारी करने की मांग की। विरोधी पक्षनेता  देवेंद्र फडणवीस ने जखमी मदन शर्मा का फोटो ट्विट करके मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस बारे में जवाब मांगा है। शर्मा पर हुए हमले को गुंडाराज करार देते हुए राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। महाराष्ट्र की स्थिति इन दिनों बहुत बिगड़ गई है। 

मुंबई में नौदल के पूर्व अधिकारी पर हुए हमले के मुद्दे पर बिहार के लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता चिराग पासवान (chirag paswan) ने महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी सरकार पर निशाना साधा है। नौ सेना के पर्व अधिकारी पर शिवसैनिकों द्वारा किए हमले के बाद सरकार के खिलाफ लोगों में असंतोष बढ़ रहा है, ऐसे में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग चिराग पासवान ने की है। कुल मिलाकर पिछले दिनों हुई घटना के बाद सरकार के खिलाफ जनाक्रोश बढ़ा है और लोगों का कहना है कि उद्धव ठाकरे के कारण शिवसेना की देश भर छवि खराब हुई है। अगर उद्धव ठाकरे इस तरह की घटनाओं की पर अंकुश नहीं लगा सके तो आने वाले दिनों में सरकार के प्रति असंतोष और ज्यादा बढ़ेगा।

(Note : इस लेख में व्यक्त किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं, जिसका मुंबई लाइव से कोई संबंध नहीं है।)

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