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मुलाकात ने मचायी राजनीतिक हलचल


मुलाकात ने मचायी राजनीतिक हलचल
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आज के दौर की राजनीति के बारे में कुछ भी नहीं जा सकता। कब कौन किस दल में चला जाए कुछ नहीं कहा जा सकता, कब गठबंधन वाली सरकार गिर जाए, दिग्गज नेताओं की मुलाकातें और उनमें होने वाली बातें और उससे होने वाली चर्चाएं सब कुछ अचानक से होता है। महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार एक ऐसे राजनेता हैं, जिनकी हर मुलाकात हलचल मचाती है। पिछले दिनों जब केंद्रीय गहमंत्री से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने मुलाकात की तो अलग-अलग तरह से कयास लगाए जाने लगे।


 किसी ने इस मुलाकात को महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन की हलचल के रूप में देखा तो किसी ने इसे राज्य में राष्ट्रपति शासन के रूप में देखा।

शरद पवार तथा राकांपा के राज्यसभा सासंद प्रफुल्ल पटेल ने कुछ दिनों पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री तथा भाजपा नेता अमित शाह से मुलाकात की तो इसे राज्य में संभावित राजनीतिक भूचाल के रूप में देखा गया। जिन लोगों ने शरद पवार तथा प्रफुल्ल पटेल की केंद्रीय गृहमंत्री से हुई मुलाकात को राज्य में फिर से भाजपा-राकांपा की सरकार की स्थापना की संभावना के नजरिए से देखा, उन लोगों के लिए प्रफुल्ल पटेल का यह स्पष्टीकरण खासा मायने रखता है, जिसमें उन्होंने साफ किया है कि महाराष्ट्र में  राकांपा- भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने संबंधी कोई विचार नहीं कर ररही है। 


पटेल ने भाजपा और राकांपा के बीच किसी भी तरह के गठबंधन से साफ इंकार किया। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी सरकार स्थिर तथा सुरक्षित है, ऐसे में किसी दूसरे विकल्प का सवाल ही नहीं उठता।

 मुबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों के बाद राज्य के विपक्ष दल भाजपा की ओर ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की गुजारिश राज्यपाल से भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने गत दिनों मुलाकात भी की थी। 


राजनीतिक जानकार अपने-अपने तरीके से इस मुलाकात का विश्लेषण कर रहे हैं। शरद पवार तथा प्रफुल्ल पटेल विगत 26 मार्च को उद्योगपति गौतम अदानी के घर आयोजित विवाह समारोह में शामिल होने के लिए अहमदाबाद के लिए रवाना हुए थे।  27 मार्च को आयोजित विवाह समारोह में एक दिन पहले शरद पवार तथा प्रफुल्ल पटेल क्यों गए यह बात भी चर्चा का विषय बनी हुई है। अदानी परिवार के विवाह समारोह में शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इस विवाह समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे, लेकिन जानकारों का कहना है कि इस विवाह समारोह में आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा राकांपा सुप्रिमो शरद पवार के बीच मुलाकात नहीं हुई, लेकिन अदानी परिवार के घर का विवाह समारोह कैसा हुआ, इससे कहीं ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर हुई कि क्या शाह-पवार-पटेल के बीच कुछ बातचीत हुई कि नहीं, इस पर ही ज्यादा चर्चा हुई।



जहां एक ओर कुछ जानकारों का दावा है कि अहमदाबाद में तीनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आए तो जरूर लेकिन उनकी शरद पवार से मुलकात नहीं हुई, दूसरी ओर स्वयं केंद्रीय मंत्री अमित शाह का इस बारे में यह कहना है कि राजनीति में हर बात को स्पष्ट नहीं किया जाता। अमित शाह का यह बयान बहुत कुछ कहता है। इस बयान के अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं। राकांपा के एक अन्य नेता तथा अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री नवाब मलिक भी इस बात से साफ इंकार करते हैं कि अहमदाबाद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा राकांपा सुप्रिमो की मुलाकात हुई है।



 शरद पवार तथा प्रफुल्ल पटेल कुछ संस्थाओं के कामकाज की समीक्षा करने के लिए अहमदाबाद आए थे, उसी दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी अहमदाबाद में थे। यहां यह बात ध्यान देना जरूरी है कि बगैर निमंत्रण के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अदानी परिवार के विवाह समारोह में शिरकत नहीं कर सकते। बताया जा रहा है कि भले ही अदानी परिवार के विवाह समारोह में शाह-पवार-पटेल की भेंट नहीं हुई हो, लेकिन अहमदाबाद के एक फार्म हाऊस में इन तीनों नेताओं की मुलाकात हुई और इस मुलाकात में राज्य की भावी राजनीति पर चर्चा भी हुई है।



महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे संगीन आरोप के बाद भी उनसे इस्तीफा न लेने, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने पर आमादा विपक्ष तथा राज्य सरकार के खिलाफ राज्य भर में आंदोलन करने की भाजपा की तैयारी जैसे मसले सामने होने के बाद भी अगर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा शरद पवार के एक ही शहर और एक विवाह समारोह में शामिल होने के बावजूद मुलाकात न होना, बातचीत न होना, हजम न होने वाली बात जैसी ही है। राज्य में महाविकास आघाडी सरकार के निर्माण में अहम किरदार निभाने वाले शरद पवार राज्य की महाविकास आघाडी सरकार को भला अस्थिर क्यों करेंगे।   



प्रफुल्ल पटेल के स्पष्टीकरण से पहले रविवार को दिल्ली में आयोजित पत्रकार परिषद में केंद्रीय गृहमंत्री तथा भाजप नेता अमित शाह के इस वक्तव्य जिसमें उन्होंने कहा था सब कुछ बता या नहीं जाता. इस बयान में बहुत कुय़ छिपा हुआ है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोप करने के आदेश दिये हैं। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख के विरोध में 100 करोड़ रूपए वसुलने के आरोप लगाए थे. इस मामले में  परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिया था। परमबीर सिह ने गृहमंत्री अनिल देशमुख  की के पूछताछ करने करने संबंधी याचिका मुंबई हाईकोर्ट में दाखिल की है।

शिवसेना  नेता संजय राऊत ने 'सामना के माध्यम से अनिल देशमुख पर कड़ी टिपप्णी की है। पोलिस अधिकारी सचिन वाझे हफ्ता वसूली करता था, क्या यह बात अनिल देशमुख को मालूम नहीं थी, यह तो संभव ही नहीं है।


 अहमदाबाद में अमित शाह तथा शरद पवार के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई, इसका खंडन शरद पवार ने क्यों नहीं किया, यह सवाल भी लगातार उठाया जा रहा है। शरद पवार इस बारे में कह रहे हैं कि उचित समय पर सब कुछ सामने आएगा।

कुल मिलाकर यह गलत नहीं कि शाह-पवार-पटेल की मुलाकात को छिपाकर रखा गया। शायद इसके पीछे की धारणा यह हो कि पर्दे के पीछे जो कुछ भी चल रहा है, उसकी भनक किसी न कोई जरा सी भी न हो, क्योंकि एक चिंगारी बड़ी आग का कारण बनती है कि इसलिए एक चिंगारी न निकले इसकी पूरी तैयारी नेता राज्य में रानीतिक भूचाल लाने वाले नेताओं ने कर रखी है, अब देखना यह है कि उचित समय पर क्या सामने आया है और क्या पर्दे के पीछे रहस्य की तरह कायह रहता है। 


(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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