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राज्य के मुख्यमंत्रियों द्वारा मजदूरों को नहीं बुलाने पर शरद पवार ने पीएम मोदी से की हस्तक्षेप करने की मांग

उद्धव ठाकरे ने पवार को सूचित करते हुए कहा कि पीयूष गोयल ने उन्हें ट्रेनों से प्रवासियों की यात्रा के लिए व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है।

राज्य के मुख्यमंत्रियों द्वारा मजदूरों को नहीं बुलाने पर शरद पवार ने पीएम मोदी से की हस्तक्षेप करने की मांग
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वर्तमान में चल रहे प्रवासी मजदूरों के पलायन संकट के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को जानकारी दी कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जो प्रवासी मजदूर अपने गांव जाना चाहते हैं उनके यात्रा की व्यवस्था की गई है।

उद्धव ठाकरे ने पवार को सूचित करते हुए कहा कि पीयूष गोयल ने उन्हें ट्रेनों से प्रवासियों की यात्रा के लिए व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है।

प्रवासी मजदूरों को हो रही समस्याओं के बारे में एनसीपी सुप्रीमो ने महाराष्ट्र के सीएम और केंद्रीय रेल मंत्री से फोन पर बात करने के बाद ट्वीट किया, उन्होंने लिखा कि, महाराष्ट्र के सीएम ने मुझे इन श्रमिकों के परिवहन की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है जो अपने गृह राज्यों में वापस जाना चाहते हैं। राज्य परिवहन की बसों का उपयोग उनकी यात्रा के लिए किया जाएगा।  केंद्रीय रेल मंत्री ने भी ट्रेनों द्वारा यात्रा की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है। 


 यही नहीं पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी से उस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया कि, वे संबंधित राज्य के मुख्यमंत्रियों से बात करें जो राज्य में फंसे अपने राज्यों के प्रवासी मजदूरों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।

इस बीच, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने मांग की है कि जो राज्य प्रवासियो को वापस बुलाने को लेकर आनाकानी कर रहे हैं, इस बारे में सरकार को दिशानिर्देश जारी करना चाहिए।

थोराट ने कहा कि कई राज्यों द्वारा प्रवासियों को वापस नहीं बुलाने के निर्णय से स्थिति खराब हो रही है।

अपने राज्य के प्रवासियों को वापस नहीं लेने के लिए बालासाहेब थोराट ने राज्य सरकारों पर निशाना साधा और कहा कि, महाराष्ट्र से लगभग 10 लाख प्रवासी श्रमिक और मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा और तमिलनाडु जैसे राज्यों में अपने पैतृक घरों में लौटना चाहते हैं।

इससे पहले, ओडिशा और बिहार ने अपने प्रवासियों को वापस लेने के लिए महाराष्ट्र सरकार को मंजूरी दी थी। लेकिन बाद में दोनों राज्यों ने इस मंजूरी को रद्द कर दिया।

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