शिवसेना (shiv sena) ने हाल ही में मुस्लिम समुदाय के बच्चों के लिए 'अजान' पाठन प्रतियोगिता आयोजित करने की घोषणा की है। उस पर हिंदुत्व का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी ने एक बार फिर शिवसेना को घेरने की कोशिश की है।
शिवसेना के दक्षिण मुंबई विभाग के प्रमुख पांडुरंग सकपाल ने 'भगवद गीता' पाठ प्रतियोगिता की तर्ज पर ही मुस्लिम समुदाय के बच्चों के लिए अजान पाठन प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस प्रतियोगिता के तहत मुस्लिम समुदाय के बच्चों से अजान पढ़वाया जाएगा, और जिसका पाठन सबसे अच्छा होगा उसे पुरूस्कृत किया जाएगा।
इस बारे में पांडुरंग सकपाल ने बताया कि, अजान के उच्चारण, आवाज़ और सस्वर पाठ को देखते हुए विजेता बच्चों को पुरस्कार दिया जाएगा। साथ ही इस प्रतियोगिता में मौलाना को परीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इस प्रतियोगिता का सारा खर्च शिवसेना वहन करेगी।
Hear @ShivSena Dakshin Mumbai Vibhag Pramukh Pandurang Sakpal sharing is views on Azan and how he enjoys listening to it. Some Hindutvavadi's were making unnecessary controversy over Karishma Bhosale issue and communalised it. Listen once . pic.twitter.com/oQj51mDcWh
— Vipin (@vipinrocs) November 29, 2020
लेकिन अब इस कार्यक्रम को लेकर BJP नेता शिवसेना पर ही सवाल उठा रही है। BJP विधायक अतुल भातखलकर (atul bhatkhalkar) ने कहा, शिवसेना की अज़ान प्रतियोगिता आयोजित करने की घोषणा का अर्थ है कि शिवसेना ने भगवा छोड़ कर अब हरा रंग धारण कर लिया है। अजान अब शिवसेना को बहुत प्यारी लगने लगी है।
उन्होंने आगे कहा, शिवसेना इतनी धर्मनिरपेक्ष हो गई है कि ओवैसी को भी शर्म आ जाए। भातखलकर ने आगे कहा, हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे (balasaheb Thackeray) ने वोटों के लिए अपनी दाढ़ी कभी नहीं काटी। लेकिन कांग्रेस (congress) की गोद में बैठे उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) आज यही कर रहे हैं। अब दशहरा रैली में नारा ए तकबीर ... अल्लाह हू अकबर की घोषणा सुनने को मिल सकती है।
BJP के विरोध पर पांडुरंग सकपाल ने कहा है कि अज़ान का विरोध करना गलत है। अज़ान महा आरती जितना ही महत्वपूर्ण है और प्रेम और शांति का प्रतीक है।
पांडुरंग सकपाल ने कहा कि अज़ान एक धर्म की भावना है। अजान सुनकर मुस्लिम भाई अपने दिन की शुरूआत करते हैं। अजान में बहुत मिठास होती है, इसलिए ऐसा लगता है कि मैं लगातार सुनू। चूंकि मैं एक बड़े कब्रिस्तान के बगल में रहता हूं, इसलिए मैं रोजाना अज़ान सुनता हूं। अजान महा आरती जितनी महत्वपूर्ण है उतनी ही महत्वपूर्ण है अंजान। यह प्रेम और शांति का प्रतीक है। इससे किसी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए।