पश्चिम बंगाल (west bengal) में होने वाले विधानसभा के चुनाव (assembly election) कुछ ही दिन दूर हैं। शिवसेना (shiv sena) ने इस संबंध में एक बड़ा फैसला लिया है। महाराष्ट्र से बाहर भी अपना विस्तार करने में लगी शिवसेना ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। इसकी जानकारी शिवसेना सांसद संजय राउत (sanjay raut) ने ट्वीट के माध्यम से दिया।
पिछले कई दिनों से, शिवसेना के पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में तरह तरह के कयास लगा रहे थे। लेकिन अब इन कयासों पर पूरी तरह से विराम लग गया है।
शिवसेना प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) से चर्चा के बाद इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसमें कहा गया है कि शिव सेना पश्चिम बंगाल में चुनाव नहीं लड़ेगी।
इस बारे में सांसद और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने ट्वीट कर बताया कि, मौजूदा स्थिति को देखते हुए पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के खिलाफ सभी प्रकार की लड़ाई लड़ी जा रही है। ममता बनर्जी के खिलाफ धन, शक्ति और मीडिया सहित सभी हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए, शिवसेना ने बंगाल में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। शिवसेना ने ममता दीदी के पीछे मजबूती से खड़े होने का फैसला किया है। मैं इस चुनाव में उनकी एक शानदार जीत की कामना करता हूं क्योंकि वह एक सच्ची बंगाल टाइगर हैं।
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) March 4, 2021
पिछले कुछ वर्षों में, शिवसेना ने उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में पूरी शक्ति के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा। भले ही शिवसेना को इसमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली, लेकिन यह सिलसिला जारी ही है।
इसके अनुसार, पश्चिम बंगाल सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद, राजनीतिक हलकों में शिवसेना द्वारा भी कुछेक राज्यों में चुनाव लड़ने का अंदेशा जताया जा रहा था, खासकर बंगाल जैसे बड़े राज्यों में। लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि, वोटों की काटछांट न हो इसलिए पार्टी ने TMC को बिना लड़े ही समर्थन करने का फैसला किया है।
वर्तमान में, पश्चिम बंगाल में भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने वाम के साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया है।