मेडिकल पाठ्यक्रम में मराठा समाज के छात्रों को आरक्षण लागू करने की राज्य सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया। जिसके बाद मराठा समाज के छात्रों को खुले वर्ग में ज्यादा फिस देकर प्रवेश लेना होगा। छात्रों को होनेवाली इस तकलीफ को देखते हुए अब सरकार ने मराठा समाज के छात्रों का फिस भरने का फैसला किया है।
क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट के याचिका रद्द करने के बाद अब मराठा समाज के छात्रों को भी खुले वर्ग में प्रवेश लेना होगा जिसके लिए उन्हे जनरल कैटेगरी के छात्रों जीतनी फिस भरनी होगी। हालांकी छात्रों की तकलीफ को देखते हुए राज्य सरकार ने फैसला लिया है की मराठा समाज के छात्रों को खुले वर्ग में प्रवेश लेने के लिए जो फिस देनी होगी उसका भूगतान राज्य सरकार करेगी यानी की आरक्षण पानेवाले छात्रों और जनरल कैटेगरी के छात्रों की फिस में जो अंतर होगा सरकार उसका भुगतान करेगी।अण्णासाहेब पाटील आर्थिक विकास महामंडल के द्वारा सरकार इस फिस का भुगतान करेगी।
निजी मेडिकल कॉलेजों में कुल सीटें
- 460
व्यवस्थापक कोटा - 211
ओपन श्रेणी - 110
एससी,
एसटी,
एनटी,
वीजे,
ओबीसी
-115
आर्थिक कमजोरी (EWS) - 24