महाराष्ट्र में चल रहा राजनीतिक भूचाल अब सुप्रीम कोर्ट ( EKNATH SHINDE SUPREME COURT) पहुंच गया है। शिवसेना के गुटों में बंटे एकनाथ शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर कीं। याचिका पर आज तत्काल सुनवाई होगी। भारत गोगावले ने 16 विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की है।
शिंदे ने खुद नरहरि जिरवाल द्वारा अजय चौधरी को ग्रुप लीडर नियुक्त करने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है। शीर्ष अदालत ने तत्काल सुनवाई के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और दोनों याचिकाओं पर आज एक साथ सुनवाई होगी।
वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे शिंदे के लिए बहस करेंगे, जबकि कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी महाविकास अघाड़ी के लिए बहस करेंगे। महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर पिछले कुछ दिनों से चल रहा सत्ता संघर्ष सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गया है, ऐसे में शिवसेना से बगावत करने वाले नए समूह का भविष्य देखना महत्वपूर्ण होगा।
याचिका में क्या है मुद्दे
1) उपाध्यक्ष संविधान की अनुसूची X के तहत किसी भी सदस्य को एक कार्यकाल के दौरान अयोग्य घोषित नहीं कर सकता है।
2) नरहरि जिरवाल एनसीपी से इस्तीफा दिए बिना डिप्टी स्पीकर के रूप में कार्य कर रहे हैं और एनसीपी की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। शिवसेना की विचारधारा एनसीपी के खिलाफ है। इसलिए ज़ीरवाल राजनीतिक रूप से पक्षपाती हैं और उनसे निष्पक्ष और निष्पक्ष निर्णय लेने की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
3)अयोग्यता नोटिस बनाए रखने योग्य नहीं हैं क्योंकि केवल पार्टी की बैठकों से अनुपस्थिति अयोग्यता का आधार नहीं हो सकती है। पार्टी द्वारा जारी किया गया व्हिप केवल सदन की कार्यवाही पर लागू होता है।
4)शिंदे का दावा है कि उन्होंने और उनके समर्थकों ने शिवसेना की सदस्यता नहीं छोड़ी है और उनकी गतिविधियां पार्टी के खिलाफ नहीं जाती है।
5)पार्टी के अधिकांश सदस्यों ने किसी भी मामले में मुख्य सचेतक के रूप में सुनील प्रभु की नियुक्ति को रद्द कर दिया और इसके बजाय भरत गोगावाले को मुख्य सचेतक नियुक्त किया था।
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